उत्तर प्रदेश / प्रतापगढ़ : चिलबिला स्थित रामपाल परिसर द्वितीय खंड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का सप्तम दिवस पर समापन हुआ। वृंदावन से पधारे कथा वाचक पवन देव जी महाराज ने सुदामा और भगवान श्रीकृष्ण की मित्रता, परीक्षित जी की मोक्ष प्राप्ति, और भगवान श्रीकृष्ण एवं रुक्मिणी के विवाह का मार्मिक वर्णन किया। रासलीला का तात्त्विक विवेचन भी भक्तों को अध्यात्म से जोड़ने वाला रहा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा के दौरान भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न प्रसंगों का रसपान किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रवींद्र कुमार सिंह, शिव कुमार सिंह (मुंबई), अमन सिंह (कोलकाता), बालेंद्र सिंह (लखनऊ), महेश कुमार सिंह (दिल्ली), बृजेश सिंह, मैथिली सिंह, शिवम सिंह, शंकर शरण सिंह, सूबेदार सिंह, वीरेंद्र श्रीवास्तव, और अधिवक्ता राजेश मणि तिवारी उपस्थित रहे।
हनुमानगढ़ी से आनंद सिंह, विनोद सिंह, महेश सिंह, भारत शुक्ला, रामकरण शुक्ला, सुभाष तिवारी, विवेक तिवारी, शिवम पांडे, दिनेश तिवारी, शुभम तिवारी, अजीत सिंह, सूरज सिंह, और दीपक सिंह ने भी आयोजन में भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन भजन और प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर आनंद अनुभव किया। आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से समाज में आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है।