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पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य के महिषी आगमन पर कांग्रेस नेता ने जताया हर्ष
सुभाष चन्द्र झा की रिपोर्ट
सहरसा : अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य, समाजसेवी, वरिष्ट नेता डॉ. तारानंद सादा ने कहा कि सनातन धर्म के संस्थापक एवं प्रचारक आदिगूरू शंकराचार्य से शास्त्रार्थ करनेवाले प्रकांड विद्वान मंडन मिश्र एवं उनकी पत्नी महान विदुषी उभय भारती की कर्मस्थली, धर्मस्थली तथा शास्त्रार्थस्थली, महिषी, सहरसा, बिहार में गोवर्धन मठ पूरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी के आगमन एवं प्रवचन से यह भूमि पुनः विकसित और दर्शनीय स्थान बनेगा।
जिसके लिए समस्त जनप्रतिनिधियों एवं पुरातत्व, कला-संस्कृति विभाग, बिहार सरकार, भारत सरकार, जिला प्रशासन इस पूण्य कार्य में सहयोग देकर इस धार्मिक एवं इतिहासिक भूमि को दर्शनीय स्थल बनाने हेतु पूरा सहयोग दें। डॉ. सादा ने कहा कि भारती के जन्मस्थली एवं कर्मस्थली महिष्मति ग्राम-महिषी, जिला-सहरसा, बिहार की धरती पर आगमन से हम सहरसा जिलावासी आनंदित और अह्लादित हैं।जिला प्रवक्ता साबिर हुसैन ने बताया कि सहरसा से बाहर और राजनीतिक व्यस्तता के कारण उनका सानिध्य और आशीर्वाद नहीं प्राप्त होने का मलाल हमेशा रहेगा ।
मैं श्रद्धापूर्वक ह्रदय से शत-शत नमन करते हुए उम्मीद करता हूँ कि सनातन धर्म के उत्तर भारत की धरोहर, आदिगूरू शंकराचार्य से शास्त्रार्थ करनेवाले प्रकांड विद्वान मंडन मिश्र एवं महान विदुषी उभय भारती की धर्मस्थली,कर्मस्थली तथा शास्त्रार्थस्थली को विकसित करने की अपनी महती कृपा करेंगे।इस नेक कार्य में व्यक्तिगत स्तर पर भी सदैव सहयोग के लिए तत्पर रहूँगा।वही महिषी ग्रामीण महान शिक्षाविद सह मैथिली अभियानी दिलीप कुमार चौधरी ने भी आयोजित संगोष्ठी में मंडन धाम को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने तथा मंडन रिसर्च सेंटर के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने का प्रस्ताव पेश किया।