बिहार : बिहार की राजनीति में एक अनोखा विवाद उठ खड़ा हुआ है, जिसमें चूहा चर्चा का केंद्र बन गया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे, तेज प्रताप यादव, के बीच एक तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब तेज प्रताप यादव ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में कहा कि जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी के आवास का चूहा उनके घर में उत्पात मचाता है।
तेज प्रताप के इस बयान पर जीतनराम मांझी ने सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हम मुसहर परिवार के लोग हैं, गर्व से कहतें हैं कि हम चूहा पकड़ते भी हैं और उसे खाते भी हैं। इसलिए हमारे घरों के पास चूहे नहीं भटकते। अगर लालू जी के घर में कोई चूहा ज्यादा उछल रहा है, तो उसे हमारे पास भेज दें, हम ‘दो मिनट’ में उसे देख लेंगे।”
इस बयान पर भाजपा नेता और पूर्व सांसद हरि मांझी भी हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) सुप्रीमो जीतनराम मांझी के समर्थन में कूद पड़े। हरि मांझी ने तेज प्रताप यादव के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि तेज प्रताप अपने पिता लालू यादव के संस्कारों का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने यूट्यूब इंटरव्यू लेने वाले शुभांकर मिश्रा को भी नसीहत देते हुए कहा कि पिछड़े और गरीबों का उपहास उड़ाना सही नहीं है।
तेज प्रताप यादव ने यह बयान एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान दिया था, जहां उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि उनके पड़ोसी संतोष मांझी के घर से चूहे उनके घर में घुसकर नुकसान कर रहे हैं। हालांकि, बाद में तेज प्रताप ने अपने बयान को संभालते हुए कहा कि चूहा गणेश भगवान की सवारी है और उसका अपमान नहीं करना चाहिए।
इस चूहा प्रकरण ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां चूहा अब सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि एक सियासी प्रतीक बन गया है।