Delhiराष्ट्रीय समाचारसमाचार

देशभर में धानुक जाति के लिए एक समान जाति प्रमाण पत्र की मांग

नई दिल्ली : समाजसेवी रामदास राय धानुक ने धानुक जाति को अलग-अलग राज्यों में भिन्न जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने एक पत्र जारी कर बताया कि जहां देश के कई राज्यों में धानुक जाति को अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) का प्रमाण पत्र मिल रहा है, वहीं बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इसे अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के रूप में दर्ज किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक देश और एक संविधान होने के बावजूद इस तरह की असमानता क्यों है।

रामदास राय ने बताया कि बिहार में धानुक जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की पहल 29 दिसंबर 1986 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक कर्पूरी ठाकुर ने की थी। उन्होंने उस समय के मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी प्रसाद दुबे को 31 विधायकों के समर्थन के साथ पत्र लिखा था। लेकिन तीन दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस मांग को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी नेता जो खुद को अति पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का मसीहा कहते हैं, उन्होंने इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की।

रामदास राय का कहना है कि एक समान जाति प्रमाण पत्र न मिलने के कारण धानुक समाज के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से मांग की है कि धानुक समाज को पूरे भारत में अनुसूचित जनजाति (ST) के तहत मान्यता दी जाए और एक ही प्रमाण पत्र जारी किया जाए। उन्होंने काका कालेलकर रिपोर्ट और रोहिणी आयोग का हवाला देते हुए बताया कि इन रिपोर्टों में भी धानुक जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है। इसके अलावा, अंग्रेजों के 1896 के सर्वे में धानुक जाति को “मार्शल कौम” के रूप में भी दर्ज किया गया है, जिसमें उनकी 60 प्रतिशत डीएनए संरचना को आदिवासी मूलनिवासी बताया गया है।

यह भी पढ़ें  रूपा मिश्रा ने भोजपुरी फिल्म 'पाँच बेटियों' की शूटिंग कि पूरी

रामदास राय का कहना है कि धानुक जाति एक स्वतंत्र जाति है जिसका पारंपरिक पेशा धनुष और बाण बनाना रहा है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से आग्रह किया कि धानुक, धानक, धाणका, धाकड़, बरार, बंशकार आदि नामों से जाने जाने वाले इस समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर एक प्रमाण पत्र जारी किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो आने वाले चुनावों में देशभर के धानुक समाज के लोग उग्र आंदोलन करेंगे।

यह भी पढ़ें  धानुक समाज के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण बैठक: इटावा में होगा आयोजन

Abhishek Anand

Abhishek Anand, Working with Gaam Ghar News as a author. Abhishek is an all rounder, he can write articles on any beat whether it is entertainment, business, politics and sports, he can deal with it.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button