सहरसा : चैती छठ के तीसरे दिन गुरुवार को संध्या काल में डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया। श्रद्धालु परिवार घाट पर पहुंचकर भगवान रवि की आराधना करते हुए मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना के साथ कार्तिक मास की तरह ही अत्यंत नियम निष्ठा विधि विधान के साथ चैती छठ के अवसर पर शंकर चौक स्थित रामजानकी ठाकुरबाड़ी में गुरुवार को सायंकालीन अर्घ दिया गया।
वहीं कुछ लोगों के द्वारा घरों में ही जलकुंड बनाकर सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया गया। शुक्रवार की सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देकर चार दिवसीय चैती छठ का समापन किया जाएगा। इससे पूर्व मंगलवार को नहाए खाए के साथ चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत हुई छठ व्रतियों ने नहा धोकर पूजा हेतु गेहूं सुखाया।उस दिन व्रतियों ने भोजन में अरवा चावल चने की दाल कद्दू की सब्जी ग्रहण किया। बुधवार को खरना महाप्रसाद का आयोजन किया गया। छठ व्रतियों ने छठी मैया के लिए रोटी खीर और केले का प्रसाद चढ़ाकर मनोकामना मांगी।
वहीं बुधवार को छठ महापर्व के निमित्त फलों एवं पकवानों के लिए अन्य सामग्रियों की खरीदारी की गई। शंकर चौक पर पूजा के लिए सूप सूपती डगड़ा एवं अन्य सामग्रियों की दुकानों पर काफी भीड़ लगी रही। छठ महापर्व मना रहे परिवारों ने श्रद्धा आस्था एवं उत्साह के माहौल में पर्व मनाया। ज्ञात हो कि आश्विन महीने में मनाए जाने वाले छठ पर्व की तरह चैती छठ का आयोजन किया जाता है।