Madhubani: डॉ चक्रपाणि हिमांशु, अध्यक्ष, बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग, पटना की अध्यक्षता में आज परिसदन मधुबनी के सभागार में बाल श्रम उन्मूलन मुक्ति एवं पुनर्वास विषय पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई। बैठक में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए माननीय अध्यक्ष ने कहा कि जिले में श्रमिकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। विशेषकर बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में लगातार छापेमारी जारी है। उन्होंने बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में ठोस पहल के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आईसीडीएस और ग्रामीण विकास विभाग की महती भूमिका पर बल दिया।
बैठक के दौरान माननीय अध्यक्ष ने बताया कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा निर्माण कामगारों/ श्रमिकों के पंजीयन को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे पात्र लाभुकों को पर्याप्त सहायता मुहैया कराई जा सके। उन्होंने कहा कि बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं। जिनमें मातृत्व लाभ की योजना है, जिसके अंतर्गत न्यूनतम 1 वर्ष की सदस्यता पूर्ण होने पर निबंधित महिला निर्माण कामगार को प्रथम दो प्रसवों के लिए प्रसव की तिथि को राज्य सरकार द्वारा अकुशल कामगार हेतु निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के 90 दिनों के मजदूरी के समतुल्य राशि देय है। यह अनुदान स्वास्थ्य समाज कल्याण एवं अन्य विभागों के अतिरिक्त है। उन्होंने शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता दिए जाने के प्रावधानों की चर्चा की और बताया कि न्यूनतम 1 वर्ष की सदस्यता पूर्ण होने पर निबंध निर्माण कामगारों के पुत्र एवं पुत्री को आईआईटी,आईआईएमतथा एम्स जैसे सरकारी उत्कृष्ट संस्थानों में दाखिला होने पर पूरा ट्यूशन फीस, बीटेक अथवा समकक्ष कोर्स के लिए सरकारी संस्थान में दाखिला होने पर एकमुश्त ₹20000, सरकारी पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्स के अध्ययन के लिए ₹10000 तथा सरकारी आईटीआई के लिए एकमुश्त ₹5000 राशि देय है।
नकद पुरस्कार की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि न्यूनतम 1 वर्ष की सदस्यता के पश्चात निबंधित निर्माण कामगारों के अधिकतम दो संतानों को प्रतिवर्ष बिहार राज्य के अधीन किसी भी बोर्ड द्वारा संचालित 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर 25000, 70 से 80% के बीच अंक प्राप्त करने पर 15000 तथा 60% से 70% के बीच अंक प्राप्त करने पर एकमुश्त ₹10000 का लाभ प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने विवाह के लिए वित्तीय सहायता के बारे में बताया कि ₹50000 निबंधित पुरुष अथवा महिला कामगार को 3 वर्षों तक अनिवार्य रूप से सदस्य रहने पर उनके दो व्यस्क पुत्रियों को अथवा स्वयं महिला सदस्य को, लेकिन दूसरी शादी करने वाले श्रमिक इस योजना के हकदार नहीं है। यह अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अतिरिक्त है।
सायकल योजना के बारे में उन्होंने बताया कि न्यूनतम 1 वर्ष की सदस्यता पूर्ण करने के पश्चात साइकिल क्रय करने के उपरांत अधिकतम ₹3500 साइकिल का रसीद उपलब्ध कराते प्रदान किया जाता है।
औजार क्रय योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि अधिकतम ₹15000 निबंधित निर्माण कामगार को कौशल उन्नयन के लिए दिए जाने वाले प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें संबंधित ट्रेड के औजार के क्रय के लिए दिए जाते हैं। भवन मरम्मती अनुदान योजना के बारे में उन्होंने बताया कि अधिकतम ₹20000 3 वर्षों की सदस्यता पूरी होने पर सिर्फ एक बार लेकिन जिन्हें पूर्व में भवन निर्माण साइकिल एवं औजार के लिए राशि प्राप्त हो चुका है उन्हें या लाभ नहीं दिया जाएगा।
लाभार्थियों को चिकित्सा सहायता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के समतुल्य राशि वैसे कामगार जिन्होंने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से राशि प्राप्त नहीं की है उन्हें असाध्य रोग की चिकित्सा हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा संपूर्ण राशि प्रदान की जाती है। वार्षिक चिकित्सा सहायता योजना के बारे में उन्होंने बताया कि इसका लाभ सभी निबंधित पात्र निर्माण श्रमिकों को प्राप्त होगा। जिसके तहत प्रतिवर्ष ₹3000 की एकमुश्त राशि लाभार्थी के खाते में अंतरित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र से आने के कारण निर्माण श्रमिकों/ कामगारों में जानकारी की कमी होती है। ऐसे में वे लाभ से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि इनसे संबंधित किसी योजना की जानकारी पुराने जिला परिषद भवन में स्थित जिला श्रम अधीक्षक के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।
उक्त बैठक में श्रम अधीक्षक, राकेश रंजन, डायरेक्टर डीआरडीए, किशोर कुमार, सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, आशीष प्रकाश अमन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ आर के सिंह, बाल संरक्षण पदाधिकारी, गोपाल कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, शिक्षा, कुंदन कुमार, अध्यक्ष, बाल संरक्षण समिति, बिंदु भूषण ठाकुर, सर्व प्रयास संस्थान से सन्नी कुमार, डीपीओ आईसीडीएस, कविता कुमारी, विधायक प्रतिनिधि, रत्नेश्वर प्रसाद राय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।