सीएचओ भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा, ईओयू ने किया खुलासा; 37 गिरफ्तार
पटना : बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) के 4500 पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस मामले में 37 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। फर्जीवाड़े की गंभीरता को देखते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। नई तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।
गुप्त सूचना पर हुआ खुलासा
ईओयू को गुप्त सूचना मिली थी कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। इसके बाद विशेष टीम का गठन कर पटना और दानापुर के तीन परीक्षा केंद्रों पर औचक जांच की गई। इस दौरान नौ अभ्यर्थियों की जगह अन्य लोग परीक्षा देते हुए पकड़े गए।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
परीक्षा में धांधली के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगवाने के बाद उन्हें केवल कंप्यूटर पर बैठा दिया गया। परीक्षा केंद्रों के आईटी मैनेजरों और संचालकों ने कंप्यूटर सिस्टम के आईपी एड्रेस पहले ही लीक कर दिए थे।
इसके बाद, विशेष सॉफ्टवेयर ‘रिमोट व्यूइंग एप्लिकेशन’ की मदद से दूर बैठे सॉल्वर (इंजन) ने कंप्यूटर का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया। ये सॉल्वर प्रश्न पढ़कर उन्हें हल कर रहे थे और ऑनलाइन ही परीक्षा में उत्तर दर्ज कर रहे थे।
प्रॉक्सी सर्वर से हुई सेटिंग
ईओयू की जांच में पता चला कि कुछ परीक्षा केंद्रों ने प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल किया था। यह सर्वर कंप्यूटर आधारित रियल-टाइम परीक्षा में घुसपैठ करके चुनिंदा अभ्यर्थियों को गलत तरीके से पास कराने के लिए उपयोग किया गया। इस पूरी प्रक्रिया को ईओयू की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया।
छापेमारी में बरामद दस्तावेज और उपकरण
पटना, दानापुर, छपरा, वैशाली, बिहारशरीफ और समस्तीपुर सहित 10 स्थानों पर छापेमारी में बड़ी संख्या में एडमिट कार्ड, संदिग्ध दस्तावेज, कंप्यूटर, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, डिजिटल डिवाइस, एटीएम और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
प्रत्येक अभ्यर्थी से 40 लाख की वसूली
प्रारंभिक जांच में पता चला कि प्रत्येक अभ्यर्थी से 30 से 40 लाख रुपये तक की वसूली की गई थी। कुछ से पूरी राशि ली जा चुकी थी, जबकि कुछ से आंशिक रकम ली गई थी। अब तक लगभग दो दर्जन अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं, जिनकी परीक्षा सेटिंग की गई थी।
ईओयू की सघन जांच जारी
डीआईजी, ईओयू मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि मामले की गहन जांच चल रही है। हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही इस फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
परीक्षा कंपनी पर भी शक
जांच में परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी ‘वी साइन टेक प्राइवेट लिमिटेड’ और परीक्षा केंद्रों के संचालकों की संलिप्तता भी सामने आई है। ईओयू इनसे जुड़े तारों की जांच कर रही है ताकि इस गैंग का पूरा नेटवर्क उजागर हो सके।
परीक्षा रद्द, नई तिथि की घोषणा शेष
ईओयू के खुलासे के बाद बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया है। नई परीक्षा तिथि की घोषणा जांच पूरी होने के बाद की जाएगी।
यह फर्जीवाड़ा न केवल परीक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि डिजिटल माध्यमों का गलत उपयोग किस तरह व्यापक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकता है।
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