पटकथा लेखक, कवि और गीतकार अशोक ‘अश्क’ से ख़ास बातचीत
आइये आज जानते हैं समस्तीपुर में जन्में अशोक ‘अश्क’ के बारे में, अशोक ‘अश्क’ हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्रीज के एक बेहतरीन पटकथा लेखक, गीतकार और संवाद लेखक हैं, जिन्होंने कई शॉर्ट फिल्मों की पटकथा और संवाद लिखा है । इतना ही नहीं बहुत छोटी सी उम्र में इनकी भजन एलबम भी आई थी और अभी “बिहार दर्शन” सीरियल और “छुअन” नामक वेबसेरीज़ लिख रहे हैं ।
अशोक ‘अश्क’ का जन्म समस्तीपुर जिला के जितवारपुर चौथ में हुआ इनके माता का नाम स्व० श्रीमती श्यामा देवी और पिता का नाम श्री हरिश्चंद्र राय है, इनकी माता साधारण गृहिणी थी और पिता अवकाश प्राप्त रेलवे कर्मचारी हैं । इनके परिवार में इनसे बड़ी दो बहनें और एक भाई हैं और एक भाई इनसे छोटा है । इनका प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा भी जितवारपुर के राजकीयकृत मध्यविधायल जितवारपुर से हुई इसके बाद श्रीकृष्ण उच्छविद्यालय से मैट्रिक की और समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर से इंटर और स्नातक किया ।
स्नातक करने के बाद इन्हें तकनीकी शिक्षा के लिए फगवाड़ा भेज दिया जहाँ इन्होंने एम. बी. ए. करने के लिए एडमिशन लिया लेकिन बहुत ज्यादा बीमार हो जाने के कारण बीच मे ही इन्हें वापस बुला लिया गया । लेकिन ईलाज के बाद इन्हें वापस नहीं भेज कर, पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया गया दिल्ली में ये यू.पी. एस.सी. की तैयारी में लग गए । यहाँ इनकी मुलाकात कुछ कलाकारों से हुई । आपको बताते चलें कि अशोक ‘अश्क’ बहुत ही कम उम्र शायद 8-9 साल की उम्र से ही कविताएँ लिखते हैं, दिल्ली में जब कुछ कलाकारों से मिले तो इन्होंने पुनः लिखना प्रारम्भ कर दिया और इसके साथ ही साथ इन्होंने ए. ए.एफ.टी. नोएडा से स्क्रीनप्ले राइटिंग की शिक्षा भी ली।
फिर कुछ दोस्तों के साथ मिलकर ड्रीम वाल्स मीडिया वर्क नाम की कंपनी की शुरुआत की और कुछ फिल्में बनाई लेकिन दुर्भाग्य से इनके साथ धोखा हुआ और फ़िल्म में इनको कोई क्रेडिट नहीं मिला पैसा मिलना तो दूर की बात है । लेकिन कहते हैं न जैसे को तैसा वही हुआ और ड्रीम वाल्स मीडिया वर्क कम्पनी ही डूब गई । फिर ये अपनी लेखनी में लगे रहे और कवि सम्मेलनों और मुशायरों में जाने लगे जहाँ इन्हें अनेकों संस्था से अनेक सम्मान मिला ।
इसी दौरान इनकी मुलाकात फ़िल्म निर्माता-निर्देशक एन. मंडल से हुई और दोनों की गहरी दोस्ती हो गई दोनों ही अपने धुन के पक्के थे फिर तो दोनों ने मिलकर कई शॉर्ट मूवी का निर्माण किया जिनमे, मुक्ति अभिशाप से, लोक आस्था का महापर्व छठ, नसा द एरर आदि प्रमुख है । इसके बाद अशोक ‘अश्क’ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई है ।
ग़ाम घर न्यूज़ इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है.
Wow बहुत बधाई