शिवाजीनगर में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की हुई शुरूआत
प्रखंड प्रमुख डॉक्टर गोविन्द कुमार ने किया उद्घाटन, 17 दिन तक चलेगा अभियान
समस्तीपुर : शिवाजीनगर में कल से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम शुरु हो गया है। प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामभद्रपुर में स्वास्थ टीम के द्वारा फाइलेरिया उनमुलन का शुरूआत किया गया। प्रखंड प्रमुख डॉक्टर गोविन्द कुमार ने किया उद्घाटन साथ थे प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी गणेश पंजियार एवं विद्यालय प्रधानाध्यापक प्रदीप कुमार सिंह उपस्थित थे । फलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत विद्यालय के बच्चों के बीच दवा का वितरण किया गया।
इस दौरान प्रखंड प्रमुख डॉक्टर गोविन्द कुमार ने कहा हमें अपने प्रखंड या जिले से ही नहीं इस देश से भी फाइलेरिया रोग का समूल नाश करने के लिए अभियान के दौरान आपके घर पर आने वाले स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा का सेवन करना है। यह दवा आपको फाइलेरिया रोग से सुरक्षित रखेगी इसको खाना है फेंकना नहीं।
आपको बता दे की जानकारी देते हुए प्रखंड चिकत्सा पदाधिकारी डॉ गणेश पंजियार ने बताया कि यह अभियान क्षेत्र में लगातार 17 दिनों तक चलेगा। स्वास्थ्यकर्मी टीम घर-घर जाकर दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगो को दबा खिलाएंगे। मौके पर विद्यालय प्रधाध्यापक प्रदीप कुमार सिंह, डॉक्टर अनिल कुमार, अमोद ठाकुर, यूनिसेफ बीएमसी विक्रम चौधरी, नंदन राम सहित अन्य शिक्षक उपस्थित थे।
आपको बता दे की हाथी पाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाना , महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब इसके लक्षण हैं। यह मच्छरों द्वारा फैलता है। खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है। तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
फाइलेरिया के लक्षण :
सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
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फाइलेरिया से बचाव :
मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
आसपास पानी न जमा होने दे
गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे
चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
पूरी बाजू का कपड़ा पहने