समस्तीपुर / शिवाजीनगर : फिल्म एडिटर और निर्देशक एन मंडल ने कल मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर दो तस्वीरें साझा करते हुए शिवाजीनगर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय उसराही, दसौत के हेड मास्टर बबलू साहू पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एन मंडल का दावा है कि हेड मास्टर बबलू साहू बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी निभाने के बजाय राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए लिखा, “क्या सरकार इनको सैलरी राजनीति करने के लिए देती है?”
सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरें
एन मंडल द्वारा साझा की गई पहली तस्वीर में एक राजनीतिक कार्यक्रम का दृश्य दिखाई देता है, जिसमें रोसरा के विधायक कुछ कह रहे हैं और हेड मास्टर बबलू साहू वहां मौजूद हैं। तस्वीर से ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम है। दूसरी तस्वीर में भी बबलू साहू को विधायक के साथ देखा जा सकता है, जो उनकी राजनीतिक गतिविधियों की ओर इशारा करता है।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं: जांच की मांग
एन मंडल के इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं। कई यूजर्स ने आरोप लगाया कि बबलू साहू अपने विद्यालय की जिम्मेदारियों को निभाने में लापरवाही बरत रहे हैं और उनका ध्यान केवल राजनीति की ओर है। कुछ यूजर्स ने लिखा कि हेड मास्टर बबलू साहू के कार्यों की जांच वरीय पदाधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे वास्तव में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं या नहीं। एक यूजर ने जिला पदाधिकारी से अपील की कि वे इस मामले की निगरानी में जांच कराएं, जबकि कुछ ने सुझाव दिया कि अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो बबलू साहू को तत्काल सस्पेंड कर देना चाहिए।
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विवाद पर उठ रहे सवाल
यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का विषय बन गया है। एन मंडल द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या एक शिक्षक का राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना उचित है? क्या हेड मास्टर की प्राथमिक जिम्मेदारी बच्चों को शिक्षा देना नहीं है? एन मंडल ने अपनी पोस्ट के माध्यम से यह मुद्दा उठाया कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक अगर अपनी जिम्मेदारियों से विमुख होकर राजनीति में संलग्न होते हैं, तो इसका सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ सकता है।
आगे की कार्रवाई पर नजर
यह देखना होगा कि एन मंडल के इस आरोप के बाद शिक्षा विभाग और प्रशासन क्या कदम उठाते हैं। क्या वरीय पदाधिकारी हेड मास्टर बबलू साहू के खिलाफ कोई जांच शुरू करेंगे? और अगर जांच होती है तो इसके नतीजे क्या होंगे? एन मंडल के इस पोस्ट ने निश्चित रूप से शिक्षा विभाग और प्रशासन के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी है। वहीं, ग्रामीणों और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों के बीच इस मामले को लेकर काफी चर्चा हो रही है।
उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय उसराही के हेड मास्टर बबलू साहू बच्चों को पढ़ाने के बजाय राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते हैं। बच्चों को पढ़ाने के बदले राजनीति करते है। क्या सरकार इनको सैलरी राजनीति करने के लिए देती हैं?@DM_Samastipur@sunilkbv@BiharEducation_@officecmbihar pic.twitter.com/AXgZjihmJD
— N Mandal – एन मंडल (@thenmandal) October 22, 2024