पूर्व IAS शिशिर सिन्हा बने बिहार खेल विश्वविद्यालय के कुलपति
पूर्व IAS शिशिर सिन्हा बने बिहार खेल विश्वविद्यालय के पहले कुलपति, वर्ल्ड क्लास सुविधाओं का किया वादा.
Patna : बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर के पहले कुलपति के रूप में पूर्व IAS अधिकारी शिशिर सिन्हा को नियुक्त किया गया है। खेल विभाग ने शनिवार को उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। बिहार खेल विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत धारा 11 (5) के प्रावधान के अनुसार, उन्हें इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य बिहार में खेल को बढ़ावा देना और खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान करना है।
1982 बैच के आईएएस अधिकारी शिशिर सिन्हा पहले भी बीपीएससी और बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने राज्य के विकास आयुक्त पद से वीआरएस लिया था और कई महत्वपूर्ण विभागों में अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया है। अब बिहार खेल विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में, शिशिर सिन्हा ने कहा कि वह इस अवसर को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उनके मार्गदर्शन में बिहार को एक खेल हब के रूप में विकसित करने के लिए तत्पर हैं।
शिशिर सिन्हा ने कहा कि बिहार में खिलाड़ियों के लिए वर्ल्ड क्लास प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी संभव हो सकेगा। उनके अनुसार, खिलाड़ियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण और नई तकनीकें प्रदान करना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेल और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए काफी गंभीर हैं, और मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के आधार पर इस विश्वविद्यालय में खेल विकास के हर पहलू पर काम किया जाएगा।
बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्घाटन 29 अगस्त, राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था। राजगीर स्थित अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर के अंतर्गत आने वाले इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य न केवल खेल के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करना है, बल्कि यह शारीरिक शिक्षा, खेल विज्ञान, खेल प्रबंधन, खेल प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न विषयों को भी बढ़ावा देगा। अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर में 24 विभिन्न खेल विधाओं का प्रशिक्षण देने की सुविधा उपलब्ध होगी, जो इसे देश के अग्रणी खेल शिक्षण संस्थानों में से एक बनाएगी।
इस विश्वविद्यालय की स्थापना 16 जुलाई 2021 को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई थी, जिसमें राज्य के युवाओं को खेल और शारीरिक शिक्षा में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से काम किया जाएगा। बिहार खेल विश्वविद्यालय खेल अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेगा, जिससे बिहार में खेल प्रतिभाओं को निखारा जा सके और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया जा सके।
खेल विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर सिन्हा ने बताया कि यह संस्थान न केवल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और विकास में सहायक होगा, बल्कि राज्य में खेल प्रौद्योगिकी और खेल प्रबंधन के क्षेत्र में भी युवाओं को अवसर प्रदान करेगा।
राजगीर का यह अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर बिहार का पहला ऐसा स्थान होगा जहां खेल गतिविधियों के लिए इतने बड़े स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें खिलाड़ियों के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा और प्रशिक्षकों के लिए उच्चस्तरीय अनुसंधान सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस तरह, यह विश्वविद्यालय बिहार में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने, प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और खेल की दुनिया में राज्य को एक विशेष पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।