ग़ज़ल

ग़ज़ल : वो ख़ुदा हो जाएगा

जब किसी चहरे पे अपना दिल फ़िदा हो जाएगा ।
रस्म ए उल्फ़त में हमारी वो ख़ुदा हो जाएगा ।।

दर्द मुझसे बाँट लेना जब कभी फ़ुर्सत मिले ।
यार मेरे देखना हर ग़म दफ़ा हो जाएगा ।।

देखकर मासूम सूरत दिल लगा बैठे है हम ।
याद रखना एक दिन जीना सज़ा हो जाएगा ।।

चार दिन की ज़िन्दगी है प्यार से जी लो इसे ।
खत्म साँसों का किसी दिन सिलसिला हो जाएगा ।।

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टूटकर मत चाहना तुम संगदिल महबूब को ।
होके वो मगरूर यारों बेवफ़ा हो जाएगा ।।

चाँद चहरा छोड़कर यूँ चिलमनों के दायरे,।
क्या ख़बर थी एक दिन यूँ बेपर्दा हो जाएगा ।।

“राज़ ” तूं उम्मीद का दामन कभी मत छोड़ना।
देखना उजड़ा ये गुलशन फिर हरा हो जाएगा।।

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अलका ” राज़ ” अग्रवाल

Ashok Ashq

Ashok ‘’Ashq’’, Working with Gaam Ghar News as a Co-Editor. Ashok is an all rounder, he can write articles on any beat whether it is entertainment, business, politics and sports, he can deal with it.

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