आरा: अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को चुनावी रैली में भाषण करते हुए उच्च संख्या का आंकड़ा प्राप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने भी स्पष्ट किया कि अगर एनडीए को 400 से अधिक सीटें मिल गई, तो मुस्लिम आरक्षण को रद्द किया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्षी दलों पर भी हमला बोला और उन्हें पिछड़ा वर्ग के हितों की ध्यान में नहीं रहने का आरोप लगाया। शाह ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस को निशाना बनाया और उन्हें जनता के सामने उनके नीति और कार्यक्षमता की चुनौती दी।
अमित शाह ने आज शुक्रवार को आरा में बीजेपी प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर उज्जवल भविष्य के लिए समर्पित रहने की बात कही और उन्होंने यह भी दिखाया कि भारतीय जनता पार्टी किस प्रकार गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के हित में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के नेता हैं, तब तक यह सुनिश्चित है कि दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण को किसी को छूने नहीं दिया जाएगा।
आरोप लगाते हुए, अमित शाह ने कहा कि लालू यादव और ममता बनर्जी पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि कर्नाटक में मुस्लिमों को पांच फीसदी आरक्षण और हैदराबाद में चार प्रतिशत रिजर्वेशन दिया गया है, जबकि ममता बनर्जी ने 180 जातियों को आरक्षण से छोड़ दिया है। इसके साथ ही, एक दिन पहले कोलकाता हाई कोर्ट ने इस असंवैधानिक आरक्षण को रोक लगा दी है।
गृह मंत्री ने लालू यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आरजेडी ने न तो ओबीसी के लिए कोई काम किया और न ही अपनी जाति के लोगों का कल्याण किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर लालू और इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है तो बिहार में जंगलराज, अपहरण और गैंगवार का दौर फिर से लौट आएगा। शाह ने कहा कि लालू ने अपनी जाति यादवों के लिए काम नहीं किया, बल्कि सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ाया है। उन्होंने लालू के बेटों को मंत्री बनाकर, एक बेटी को राज्यसभा भेजकर और दूसरी बेटी को लोकसभा चुनाव लड़वा रहे होने का आरोप लगाया।