Bollywood Movie Reviews I Killed Bapu IMDM Review Cast - Sameer Deshpande, Umashankar Goyenka, Mukesh Kapani, Rajesh S. Khatri, Nafees Ahmed Lucky, Director - Hyder Kazmi Producer - Sarla A. Saraogi, Rahul Sharma Runtime RATING 1.5 GAAM GHAR News
Entertainment / Bollywood Movie Reviews :नाथू राम गोडसे ने बापू को और बापू के कार्य को किस नजरिए से देखा इसी नजरिए को दर्शाने के लिए फिल्म आई किल्ड बापू का निर्माण किया गया। नाथूराम गोडसे ने जिस नजरिए से बापू को देखा और जो उनके साथ किया वो सही है या गलत ये कहना बहुत मुश्किल है लेकिन अगर फिल्म आई किल्ड बापू की बात करें तो जिस तरह से कहानी को फिल्माया गया है उससे एक बात तो साफ सामने आती है कि फिल्म के लेखक और निर्देशक इस बात के लिए पूर्ण सहमत हैं कि गोडसे ने जो किया वो देश हित में था और बापू गलत थे ।
क्योंकि फिल्म का दो तिहाई हिस्सा अदालत में बीतता है और उसमे सिर्फ और सिर्फ गोडसे के विचारों को एकल रूप से सुनाया जाता है, एक दो बार जरूर बापू का पक्ष रखने के लिए वकील अपनी बात रखना चाहता है लेकिन जज अनुमति नहीं देते इससे ऐसा प्रतीत होता है की जज को केस में नहीं गोडसे के विचारों रुचि है । आई किल्ड बापू सही मायने में देखा जाए तो फिल्म काम और डॉक्यूमेंट्री ज्यादा लगती है क्योंकि लेखक और निर्देश दोनों ही गोडसे के विचार से इतना प्रभावित दिख रहे हैं कि मानसिक रूप से उन्होंने शायद मान लिया है कि बापू गुनहगार थे और यही वजह है की फिल्म का दो तिहाई हिस्सा एकल संवाद में बीतता है ।
न ही बापू के वकील को कोई जिरह का मौका दिया जाता है न ही बापू के चाहने वालों के तरफ से कोई विरोध दिखाया जाता है । फिल्म आई किल्ड बापू 29 सितंबर को जी5 पर रिलीज हुई है, फिल्म के निर्देश हैदर काजमी और प्रीति राव हैं । जिस तरह से फिल्म का तानाबाना बुना गया है वो बड़ा ही नीरस है फिल्म की शुरुआत बहुत धीमी होती है और पूरी फिल्म सपाट चलती रहती है एक बात जो गौर करने योग्य है वो है फिल्म का संवाद फिल्म संवाद को विशुद्ध हिंदी में लिखा गया है जिसे समीर देशपांडे ने बखूबी निभाया है ।
जहां तक समीर देशपांडे की बात की जाए तो समीर ने बेहतरीन अदाकारी की है फिल्म की पटकथा और फिल्माने के तरीके पर अगर काम हुआ होता तो फिल्म बेहद शानदार होती लेकिन फिल्म के लेखक और निर्देशक ने अपने पूर्वाग्रह में फिल्म का बेरा फर्क कर दिया । आई किल्ड बापू को फिल्म की जगह अगर डॉक्यूमेंट्री बनाया जाता और थोड़े बदलाव के साथ दिखाया जाता तो ये बेहद शानदार डॉक्यूमेंट्री होती और निर्देशक हैदर काजमी, प्रीति राव और फिल्म लेखक आदेश के अर्जुन अपने कार्य में पूर्णतः सफल होते ।
फिल्म को प्रोड्यूस सरला ए रस्तोगी और राहुल शर्मा ने की है । अगर फिल्म संगीत की बात करें तो फिल्म के संगीतकार अमन श्लोक हैं फिल्म संगीत भी कुछ खास नहीं है । फिल्म शुरुआत से ही उबाऊ लगती है लेकिन दर्शक इस उम्मीद में पूरी फिल्म को झेल लेते हैं की फिल्म की कहानी बापू और नाथूराम गोडसे की है । फिल्म में अगर देखने के लिए कुछ है तो वो है विशुद्ध हिंदी संवाद और समीर देशपांडे की कलाकारी । अगर फिल्म रेटिंग की बात करें तो फिल्म को 5 में 1.5 स्टार मिलना चाहिए । (This review is featured in IMDb Critics Reviews)