वैशाली : बिहार में लागू शराबबंदी कानून का पालन करवाने के बजाय कुछ पुलिसकर्मी खुद इसके उल्लंघन में लिप्त पाए गए। वैशाली जिले में एंटी लिकर टास्क फोर्स (ALTF) के सात पुलिसकर्मियों को देसी और विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है। इन पुलिसकर्मियों में एक दरोगा और सिपाही सहित अन्य कर्मी शामिल हैं।
गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई
वैशाली एसपी हरकिशोर राय को गुप्त सूचना मिली थी कि जिले के महुआ क्षेत्र में ALTF-03 के आवास पर शराब का सेवन और बिक्री हो रही है। इस सूचना के बाद एसपी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। सोमवार सुबह पुलिस ने जब छापेमारी की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
शराब और पुलिसकर्मी गिरफ्तार
छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने 32 लीटर देसी शराब और 500 एमएल विदेशी शराब बरामद की। मौके पर ALTF के दरोगा निसार अहमद, पीटीसी मुकेश कुमार, सिपाही प्रिया रानी, होमगार्ड जवान महेश राय, रामप्रवेश सिंह, रत्नेश कुमार और चालक मंतोष कुमार को गिरफ्तार किया गया। इन्हें महुआ थाने ले जाया गया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई।
शराबबंदी पर सवाल
बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए ALTF का गठन किया था। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक पद्धति से सूचना जुटाकर शराब माफियाओं और तस्करों को गिरफ्तार करना है। हालांकि, वैशाली में पुलिसकर्मियों के इस कृत्य ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एसपी का बयान
वैशाली एसपी हरकिशोर राय ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई थी। छापेमारी में शराब का मिलना इस बात का प्रमाण है कि पुलिसकर्मी खुद शराबबंदी कानून का उल्लंघन कर रहे थे। एसपी ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती
इस घटना ने बिहार में शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन को लेकर प्रशासनिक चुनौतियों को उजागर किया है। शराबबंदी के रक्षक खुद जब कानून तोड़ने में शामिल हों, तो यह सरकार के प्रयासों पर गंभीर आघात है। इस मामले में आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।