समस्तीपुर जिले के शिवाजीनगर प्रखंड में पंचायत समिति सदस्यों और जनप्रतिनिधियों ने अंचल कार्यालय में व्याप्त घूसखोरी और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) कार्यलय में एक पत्र सौंपा है, जिसमें भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
भ्रष्टाचार के आरोप और धरना का कारण
जनप्रतिनिधियों ने पत्र में उल्लेख किया है कि अंचल कार्यालय में बिना रिश्वत दिए कोई भी कार्य नहीं हो रहा है। यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है और कई बार प्रखंड प्रमुख से इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि अंचलाधिकारी खुद घूसखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं और जो लोग इसका विरोध करते हैं, उनके खिलाफ फर्जी प्राथमिकी दर्ज करा दी जाती है।
रिश्वतखोरी की गंभीरता
पत्र में यह भी बताया गया है कि हर छोटे-बड़े कार्य के लिए 15,000 से 50,000 रुपये तक की रिश्वत ली जाती है। यह तब स्पष्ट हुआ जब प्रखंड प्रमुख के माध्यम से एक ओबीसी प्रमाण पत्र निर्गत कराने की कोशिश की गई, लेकिन इसके बजाय शिवाजीनगर थाना में अंचलाधिकारी द्वारा जबरन मामला दर्ज करा दिया गया। यह घटना स्थानीय प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है।
जनप्रतिनिधियों की मांगें
पंचायत समिति सदस्य सरोज कुमार, सीताराम यादव, रेखा देवी, उपप्रमुख पूनम देवी, आशा कुमारी, खुशबू कुमारी सहित कई जनप्रतिनिधियों और प्रखंडवासियों ने इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच – अंचल कार्यालय में व्याप्त घूसखोरी और अनियमितताओं की गहन जांच की जाए।
2. दर्ज प्राथमिकी की वापसी – प्रखंड प्रमुख डॉ. गोविंद कुमार पर दर्ज फर्जी प्राथमिकी को तुरंत वापस लिया जाए।
3. अंचल कार्यालय में सुधार – रिश्वतखोरी और प्रशासनिक मनमानी पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
4. स्थायी धरना स्थल की अनुमति – प्रखंड मुख्यालय में एक स्थायी धरना स्थल निर्धारित किया जाए ताकि जनता अपनी आवाज़ प्रशासन तक पहुंचा सके।
प्रशासन की जिम्मेदारी और संभावित कार्रवाई
यह मामला समस्तीपुर जिले के प्रशासनिक ढांचे में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ एक बड़ी चुनौती बन गया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) और उच्च अधिकारी इस पर क्या कदम उठाते हैं। अगर समय रहते उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है।
शिवाजीनगर प्रखंड में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने आवाज़ बुलंद की है। अंचल कार्यालय में व्याप्त घूसखोरी की समस्या को दूर करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रस्तावित है। प्रशासन को जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की जरूरत है ताकि जनता का भरोसा सरकार और प्रशासन पर बना रहे। अगर इस मामले को नजरअंदाज किया गया, तो यह आंदोलन बड़े स्तर पर फैल सकता है और प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है।
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