गाजियाबाद में कायस्थ महासम्मेलन: समाज के विकास और एकजुटता पर बल
हर क्षेत्र में प्रगति के लिए कायस्थों को एकजुट होना जरूरी :अरुण सक्सेना
विशेष संवाददाता / गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश : गाजियाबाद के महाराजा अग्रसेन भवन में आयोजित कायस्थ महासम्मेलन (Kayastha Maha Sammelan) में उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने कायस्थ समाज के योगदान और उसकी एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज ने स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्र भारत के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह समाज राजनीति, शिक्षा, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी रहा है। श्री सक्सेना ने कहा कि आज की परिस्थितियों में कायस्थ समाज को अपनी ऐतिहासिक भूमिका को निभाते हुए एकजुट होकर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “एकता में बल है, और इस सिद्धांत को अपनाते हुए हमें सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।”
श्री सक्सेना ने कहा कि ऐसे सामाजिक आयोजनों से समाज की प्रगति और शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। इस अवसर पर बिहार के विधान पार्षद और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “कायस्थ समाज ने हमेशा से समाज को दिशा दिखाने और उसे शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम में भी कायस्थों का विशेष योगदान रहा, और संपूर्ण क्रांति का नेतृत्व इसी समाज के लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने किया था।”
संजय मयूख ने आगे कहा कि आज के समय में कायस्थ समाज के युवाओं को केवल नौकरी के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि राजनीति, व्यापार, उद्योग, समाजसेवा, कला, और संस्कृति के क्षेत्रों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें नौकरी लेने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनने की दिशा में काम करना चाहिए। कायस्थ समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है, और हमें इस परंपरा को बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है।”
महासम्मेलन के दौरान गाजियाबाद जिले के विभिन्न कायस्थ संगठनों के पदाधिकारियों के साथ वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने “चित्रांश संसद” का आयोजन भी किया। इस दौरान उन्होंने समाज की आर्थिक, सामाजिक, मानसिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक मजबूती पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कायस्थ समाज के बिखराव को रोकने और कमजोर परिवारों को सम्मानजनक रोजगार दिलाने का आह्वान किया। इसके साथ ही, कमजोर परिवारों के बच्चों की शिक्षा में भरपूर सहयोग करने का संकल्प लिया गया।
इस महासम्मेलन में कई प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, पूर्व मेयर आशु वर्मा, उप आवास आयुक्त मेरठ जोन अजय अम्बष्ट, महामण्डलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद पशुपति चित्रगुप्त पीठ वृंदावन, भाजपा गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, और अलीगढ़ के भाजपा नेता मनोज सक्सेना शामिल थे।
आयोजन में कायस्थ समाज के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के कई संगठनों का सहयोग रहा। इन संगठनों में गाजियाबाद चित्रांश महासभा, ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस, नंदग्राम चित्रांश वेलफेयर एसोसिएशन, अखिल भारतीय चित्रांश कायस्थ महासभा, निभा फाउंडेशन, चित्रगुप्त सेवा समिति वैशाली, शिप्रा कायस्थ महासभा इन्द्रापुरम, कायस्थ महासभा राजनगर एक्सटेंशन, कायस्थ महासभा नोएडा, कायस्थ महासभा वसुंधरा, चित्रांश एडवोकेट ग्रुप गाजियाबाद, राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद जयपुर (राजस्थान) चैप्टर दिल्ली एनसीआर, अखिल भारतीय चित्रगुप्त महासभा पंजाब इकाई, चित्रगुप्त पीठ वृंदावन, और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस औरंगाबाद (बिहार) इकाई शामिल थे।
महासम्मेलन को सफल बनाने में गाजियाबाद चित्रांश महासभा के अध्यक्ष बिनोद कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अश्विनी श्रीवास्तव, संयोजक राजीव कांत, सचिव प्रभाकर श्रीवास्तव और उनके सहयोगियों का अहम योगदान रहा। महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती नूपुर श्रीवास्तव, महासचिव भारती श्रीवास्तव, और संगठन सचिव अनिता श्रीवास्तव ने महिलाओं को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर ने महासम्मेलन की सफलता पर आयोजकों को बधाई दी और कायस्थ समाज के विकास में निरंतर योगदान देने की अपील की।