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दरभंगा में कोसी नदी का तटबंध टूटा, बाढ़ से कई इलाकों में तबाही

दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के भभौल गांव में कोसी नदी का तटबंध टूटने से किरतपुर और घन्यश्यामपुर प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

Patna : बिहार के दरभंगा (Darbhanga) जिले में कोसी नदी (Kosi River) के पश्चिमी तटबंध के टूटने से बाढ़ ने कई इलाकों में भारी तबाही मचाई है। दरभंगा के किरतपुर प्रखंड के भभौल गांव में कोसी नदी का तटबंध टूटने से किरतपुर और घन्यश्यामपुर प्रखंड बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इस घटना से इलाके में पानी भर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। बाढ़ के कारण ग्रामीणों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। इससे पहले वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भी बाढ़ का पानी घुसने की खबर आई थी, जिसका असर भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों पर भी पड़ा है।

बागमती और गंडक नदी में बाढ़ का कहर
सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार की सूचना रविवार को मिली थी। इस दरार के कारण बाढ़ का पानी आसपास के इलाकों में फैलने लगा, जिससे गांवों में संकट बढ़ गया। वहीं, पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा-1 प्रखंड में गंडक नदी के अत्यधिक दबाव के चलते शाम 4:50 बजे नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया। इसके परिणामस्वरूप बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी प्रवेश कर गया, जिससे वन्यजीवों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

तटबंधों पर बढ़ते दबाव से स्थिति चिंताजनक
बिहार के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के अनुसार, बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया, और रसलपुर प्रखंडों के साथ-साथ शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया, और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंधों पर कई स्थानों पर रिसाव की सूचना मिली है। डब्ल्यूआरडी की टीम ने इन रिसावों को तत्काल दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है।

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तटबंध टूटने पर अभियंता निलंबित
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यों में लापरवाही और प्रशासन से समन्वय न रखने के आरोप में बगहा के कार्यपालक अभियंता निशिकांत कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इस निलंबन के बाद डब्ल्यूआरडी ने कहा कि वह तटबंधों की मरम्मत और उनकी मजबूती के लिए हर संभव कदम उठा रहा है ताकि और नुकसान न हो।

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बिहार की नदियों में जलस्तर का खतरा
बिहार में इस साल कई नदियों में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। कमला बलान नदी के झंझारपुर मापक स्थल पर जलस्तर 52.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 2.10 मीटर अधिक है। इसी तरह, ललबेकिया नदी के गोवाबाड़ी मापक स्थल पर जलस्तर 72.70 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 1.55 मीटर अधिक है। हालांकि, डब्ल्यूआरडी के मुताबिक छोटी नदियों में जलस्तर में कुछ कमी आई है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।

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बाढ़ से 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित
बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति विकराल बनी हुई है और करीब 16 लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन हालात नियंत्रण में आने में समय लगेगा। बाढ़ ने जहां फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है, वहीं सड़कों और आवासीय क्षेत्रों में पानी भर जाने से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

बिहार के विभिन्न जिलों में बाढ़ के कारण तटबंधों के टूटने और जलस्तर में वृद्धि से हालात गंभीर हैं। राज्य सरकार और जल संसाधन विभाग स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और तटबंधों की मरम्मत के साथ-साथ बाढ़ राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है।

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