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महागठबंधन प्रत्याशी आलोक मेहता ने उजियारपुर सीट से अपना नामांकन किया

महागठबंधन से राजद प्रत्याशी आलोक मेहता का नामांकन और मुसरीघरारी में हुई जनसभा

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में, देश भर में मतदान चल रही है। बिहार में भी लोग उत्साह लोग वोट कर रहे हैं, बिहार में चार सीटों – औरंगाबाद, गया, नवादा, और जमुई में मतदान हुआ है। बूथों पर लंबी कतारें देखने को मिली हैं, जो देश के लोकतंत्र की ताकत को दर्शाती हैं। समस्तीपुर जिला से आज, महागठबंधन से राजद के प्रत्याशी आलोक मेहता ने उजियारपुर लोकसभा सीट से नामांकन किया है। उनका नामांकन एक महत्वपूर्ण कदम है जो राजनीतिक मंच पर उनके प्रभाव को मजबूत करेगा। जनता उनके नेतृत्व और कार्यक्षमता को मानती है, और आशा करती है कि वह लोकसभा में अपने क्षेत्र के मुद्दों को उठाने में सफल होंगे।

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अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया
लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया 18 अप्रैल से शुरू हो गई थी । नामांकन का पर्चा समाहर्ता न्यायालय कक्ष में निर्धारित तिथि को दिन के 11 बजे से 3 बजे तक दाखिल किया गया है। आज शुक्रवार को उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से महागठबंधन से राजद के प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता (Alok  Mehta) ने नामांकन दाखिल किया। वहीं नामांकन को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से विधि व्यवस्था के मद्देनजर पुख्ता व्यवस्था की गयी थी। उजियारपुर लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए राजद प्रत्याशी आलोक मेहता ने अपने नामांकन के दूसरे दिन अपना पर्चा दाखिल किया, जिससे उनका नाम चुनावी दौर में आधिकारिक रूप से दर्ज हुआ।नामांकन के समय उनके साथ पूर्व समस्तीपुर एमएलसी सह राजद जिला अध्यक्ष रोमा भारती, अरविन्द सहनी, विपिन सहनी, राम प्रकाश महतो और अनेको नेता समाज सेवी भी मौजूद थे। कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वारा पर ड्रॉप गेट बनाया गया है। नामांकन का पर्चा दाखिल करने वाले अभ्यर्थी व उनके प्रस्तावक व समर्थक ही अंदर प्रवेश कर सकेंगे। समाहरणालय के बाहर दंडाधिकारियों व पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। एसपी विनय तिवारी खुद सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे । समाहरणालय के मुख्य द्वार के दक्षिणी ओर मीडिया सेंटर बनाया गया था।

मुसरीघरारी में हुई जनसभा
समस्तीपुर के मुसरीघरारी में हुई जनसभा का आयोजन किया गया है। इस समारोह में प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री मुकेश सहनी, भोला यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मोरवा विधायक रणविजय साह, विभूतिपुर विधायक अजय कुमार, समस्तीपुर विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन, पूर्व समस्तीपुर एमएलसी रोमा भारती, सनी हजारी, ललन यादव, चंदन सहनी और अन्य नेता समाजसेवी भी शामिल थे । इस जनसभा में उन्होंने समस्तीपुर उजियारपुर के जनता के मुद्दों पर विचार व्यक्त किया और उनके उजियारपुर लोकसभा सीट के उम्मीदवार के प्रति समर्थन व्यक्त किया। इसके माध्यम से उन्होंने जनता के साथ संवाद करके उनके मुद्दों को समझने और समाधान के लिए अपना संकल्प प्रकट किया।

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आलोक मेहता परिचय
आलोक कुमार मेहता (Alok Kumar Mehta) बिहार के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने अपने संघर्ष और कार्यों से अपना नाम उच्च स्तर पर बनाया है। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक सदस्य के रूप में भी अहम भूमिका निभाई है। नीतीश कुमार की सरकार में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री बनाया गया था।

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आलोक कुमार मेहता 2015 में  बिहार विधानसभा चुनाव में उजियारपुर राज्य विधानसभा क्षेत्र के लिए विधानसभा के सदस्य चुने गए थे। उन्होंने बिहार सरकार में सहकारिता विभाग में मंत्री के रूप में कार्य किया।

आलोक कुमार मेहता का राजनीतिक सफर 2004 में लोकसभा के सदस्य बनकर शुरू हुआ था और उन्होंने उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए योगदान दिया। उन्होंने बिहार सरकार में सहकारिता विभाग में मंत्री के रूप में भी काम किया। उन्होंने युवा राष्ट्रीय जनता दल के राज्य महासचिव के रूप में भी अपनी योगदान दी।

आलोक कुमार मेहता की राजनीतिक यात्रा में कई मोड़ आए हैं। उन्होंने 2009 में प्रदीप महतो की पत्नी अश्वमेध देवी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वे राजद के सात राज्यों के लिए प्रभारी और युवा राजद के राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं, जिसने उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को मजबूत किया। उन्होंने युवा राष्ट्रीय जनता दल के राज्य महासचिव के रूप में भी अपना योगदान दिया।

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मेहता ने राजद के महासचिव के रूप में भी काम किया, जो उनकी राजनीतिक अनुभव को और भी समृद्ध किया। उन्होंने बिहार विधान सभा के लिए 2020 चुनावों में, मेहता ने भारतीय जनता पार्टी के शील कुमार रॉय को 23000 से अधिक मतों के अंतर से हराकर उजियारपुर सीट से महत्वपूर्ण अंतर से जीत दर्ज की।

आलोक मेहता 3 नवंबर 1966 को बिहार में जन्मे, उनके पिता का नाम पूर्व मंत्री तुलसीदास मेहता है। उनकी बहन सुहेली मेहता भी एक प्रमुख राजनेता हैं और 2017 में जनता दल (यूनाइटेड) के विरोधी दल राजद में शामिल हो गईं। आलोक ने 1990 में बैंगलोर विश्वविद्यालय से बी.ई. की उपाधी हासिल की। वे अपनी पत्नी सीमा प्रसाध के साथ हैं और उनके तीन बच्चे हैं।

उनका परिवार राजनीतिक धारा में एक प्रमुख स्थान रखता है, उनका योगदान न केवल राजनीतिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण है। उनका योगदान राजनीतिक मंच पर निरंतर बना रहा है, और उन्हें लोगों के बीच एक प्रमुख और समर्थ नेता के रूप में पहचाना जाता है।

Gaam Ghar Desk

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