Patna : बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने जमीन सर्वे और दाखिल-खारिज से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने 139 अंचल अधिकारियों (सीओ) का वेतन रोकने की घोषणा की है। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को मंत्री ने यह जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषी अधिकारियों को सुधारने के लिए और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
“मंत्री बनने में देर हुई, कार्रवाई में देरी हुई”
मंत्री जायसवाल ने स्वीकार किया कि यदि उन्हें पहले मंत्री बनने का मौका मिलता, तो ऐसी स्थिति पहले ही संभाली जा सकती थी। उन्होंने कहा, “मुझे मंत्री बनने में समय लगा, इसलिए कार्रवाई में देरी हुई। अब विभाग सुस्त और अनियमितता करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।”
मंत्री ने बताया कि अंचल अधिकारियों की निष्क्रियता को लेकर एक सूची तैयार कर ली गई है। इन अधिकारियों के खिलाफ प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों द्वारा जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
विपक्ष ने उठाए सवाल, रिश्वत के आरोप
इस सत्र में AIMIM के विधायक अख्तरूल ईमान ने अंचल स्तर पर दाखिल-खारिज के लंबित आवेदनों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आवेदनों को डीसीएलआर (उप समाहर्ता) स्तर पर भेजा जा रहा है, लेकिन रैयतों को इसकी जानकारी नहीं दी जा रही। ईमान ने आरोप लगाया कि डीसीएलआर स्तर पर मामलों को सुलझाने के लिए 15 से 20 हजार रुपये तक की रिश्वत वसूली जा रही है।
मंत्री जायसवाल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि विभागीय नियमों के अनुसार, किसी अधिकारी द्वारा जांच पूरी होने के बाद उसे दोबारा जांच के लिए नियुक्त नहीं किया जाता। ऐसे में ईमान की मांग अव्यवहारिक है।
सरकारी जमीन की हेराफेरी पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने पूर्वी चंपारण जिले के एक मामले का जिक्र किया, जिसमें सरकारी स्कूल की जमीन की जमाबंदी गलत तरीके से किसी अन्य व्यक्ति के नाम कर दी गई थी। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि दोषी अधिकारियों पर एक महीने के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
सुस्त अधिकारियों को चेतावनी
मंत्री ने कहा कि जनता को हो रही असुविधाओं को दूर करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अंचल अधिकारी अगर समय पर काम नहीं करते और जनता के हित में निर्णय नहीं लेते, तो उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
भ्रष्टाचार और सुस्ती को समाप्त करने की प्रतिबद्धता
मंत्री दिलीप जायसवाल ने यह भी कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि दाखिल-खारिज और जमीन सर्वे से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं समयबद्ध तरीके से पूरी हों। जनता को अनावश्यक परेशानियों से बचाने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी से काम करना होगा।
निष्कर्ष
बिहार सरकार ने भूमि सुधार और दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंत्री दिलीप जायसवाल की सख्ती से यह साफ संकेत मिलता है कि राज्य सरकार अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। 139 अधिकारियों का वेतन रोकने का निर्णय प्रशासनिक सुधार के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है। जनता अब इस पहल से न्याय और पारदर्शिता की उम्मीद कर रही है।
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