Patna : बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासी घमासान जारी है। जहरीली शराबकांड के बाद से विपक्ष नीतीश सरकार पर लगातार हमला कर रहा है। हाल ही में जहरीली शराब से सीवान, सारण और गोपालगंज जिलों में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जिससे राज्य में शराबबंदी की विफलता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री हो रही है और इसका जिम्मेदार खुद सरकार है। तेजस्वी का कहना है कि नीतीश राज में ही पंचायत स्तर तक शराब की दुकानें खोली गई थीं, और सरकार शराब माफिया पर कार्रवाई करने में असफल साबित हो रही है।
इस बीच, बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए महागठबंधन के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि महागठबंधन के 6-7 नेता खुद शराब का सेवन करते हैं। जायसवाल ने कहा कि शराब पीने वाले नेताओं की सूची जल्द ही जारी की जाएगी और लोगों को पता चल जाएगा कि शराबबंदी का पालन कौन नहीं कर रहा है। हालांकि, उन्होंने इन नेताओं के नाम का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह जरूर कहा कि संबंधित विभाग इस बारे में रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जो जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।
विपक्ष का पलटवार
विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर फिर से सरकार को घेरा और कहा कि अगर सरकार वाकई ईमानदार है, तो उसे उन अधिकारियों के घर पर छापा मारना चाहिए जो शराबबंदी की निगरानी में हैं। तेजस्वी ने दावा किया कि उच्च स्तर पर कई अधिकारी शराब का सेवन कर रहे हैं और राज्य सरकार उन पर नियंत्रण नहीं रख पा रही है। तेजस्वी के बड़े भाई और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने भी आरोप लगाया कि अगर ईमानदारी से छापेमारी हो, तो बड़े अधिकारियों के घरों से शराब की बोतलें बरामद होंगी।
सरकार की प्रतिक्रिया
मंत्री दिलीप जायसवाल ने न केवल शराबबंदी को लेकर विपक्ष पर हमला किया बल्कि उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद गरीब भूखे पेट सोने से बच रहे हैं। जायसवाल के अनुसार, भारत में आज गरीब भी मोबाइल और फेसबुक का उपयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्र में काम कर रही हैं, जिससे देश विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है।
शराबबंदी पर सियासी पारा गर्म
बिहार में शराबबंदी की घोषणा के बाद से ही इस कानून के कार्यान्वयन को लेकर सियासी बयानबाजी तेज है। जहरीली शराबकांड के बाद से विपक्ष का आरोप है कि शराबबंदी केवल एक दिखावा है और सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू करने में नाकाम रही है। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश सरकार बिहार को संभालने में असमर्थ है और राज्य में हर जगह अवैध शराब का कारोबार जारी है।
मंत्री दिलीप जायसवाल के आरोप से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है, और अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि क्या सच में महागठबंधन के नेताओं की शराब पीने की सूची जारी होती है। इस आरोप के बाद विपक्ष और भी हमलावर हो सकता है और सरकार को जवाबदेही के लिए तैयार रहना पड़ सकता है।