पटना : पिछले 12 वर्षों से रंगकर्म के क्षेत्र में सक्रिय, पटना की नाट्य संस्था,’विश्वा, पटना द्वारा ‘ संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से रंग मार्च स्टूडियो, एस. पी. वर्मा रोड, पटना में नाटक “मृगतृष्णा” का मंचन किया। “मृगतृष्णा” का नाट्य लेखन आरोती भट्टाचार्य सिंह तथा निर्देशन राजेश नाथ राम ने किया है।भाव विभोर दर्शकों से भरे हुए प्रेक्षागृह और उनकी तालियों ने कलाकारों का खूब उत्साह बढ़ाया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री बरुण सिंह प्रदेश अध्यक्ष, कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ, बिहार भाजपा एवं श्री प्रेम कुमार सब एडिटर, यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया मौजूद रहे।यह नाटक समकालीन स्तिथियों पर आधारित है।
रमा जो अपने जीवन में बेरंग होकर भी खुश है।अचानक, ‘अविनाश’ जो उसके बचपन का मित्र रहा है । वो मृगतृष्णा बनकर रमा के जीवन में आता है, जिसमे रमा को फिर से जीने का अर्थ मिल जाता है। फिर वक़्त की ऐसी बारिश आती है । जो रमा और अविनाश दोनों के रंग को धो डालती है, और छोड़ जाती है एक सवाल।
यह नाटक जाते- जाते हमें नैतिकता, रुढ़िवादी विचार पर पुनः मंथन करने की स्तिथि में छोड़ जाता है।मंच पर रमा : सुश्री बिस्वास, अविनाश : रजनीश कुमार,तुषार : ऋषि गौतम,भाभी : अंजना पाण्डेय,वंदना : सरिता पाल, मिसेज सिन्हा : सीमा, मंच परे
प्रकाश परिकल्पना : राजीव रॉय,पार्श्व ध्वनि : राहुल आर्यन,रूप सज्जा : तन्नु आश्मी,वस्त्र विन्यास : पंकज कुमार तिवारी एवं संजीव कुमार,मंच निर्माण : सुनील जी सहयोग : दीपक कुमार,मंच व्यवस्था : पंकज प्रभात एवं ऋषि गौतम,पूर्वाभ्यास प्रभारी : शशांक शेखर एवं अभिषेक मेहता,प्रस्तुति : विश्वा, पटना लेखक : आरोती भट्टाचार्य सिंह,निर्देशन : राजेश राजा का है।
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