Bollywood MOVIE REVIEWS Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan IMDM Review GAAM GHAR
PATNA: एक लंबे समयांतराल के बाद सलमान की कोई फ़िल्म सिनेमाघरों या यूं कहें कि मल्टीप्लेक्स में आई है इस बार सलमान खान भाई जान के रूप में सुपर हीरो की तरह लड़ते और डराते धमकाते हुए दिखे लेकिन फ़िल्म की कहानी वही 90 की दशक वाली जिसमे एक नेता, गुंडा या बिज़नेस मैन किसी बस्ती को अवैध तरीके से उजाड़कर अपने सपने को पूरा करना चाहता है फ़िल्म में एक्शन के साथ इमोशनल पुट भी डाला गया है लेकिन वो कहते हैं आग़ाज़ अच्छा हो तो अंजाम भी अच्छा होता है।
फ़िल्म में भाईजान की एंट्री तो बहुत जबरदस्त हुई लेकिन जैसे ही भाई जान का बड़बोला संवाद शुरू होता है सर मज़ा किरकिरा कर देता है हालांकि फिल्म में सलमान खान का बेहतरीन एक्शन देखने को मिलता है और एंट्री देखकर ताली और सिटियाँ भी बजेगी लेकिन ये एक्शन और ये ताली या सिटी छनिक होगा फ़िल्म में सतीश कौशिक ने अच्छी कमेडी है लेकिन कमजोर पटकथा के कारण लोगों को गुदगुदाने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाए । फिल्म में समलमान खान के साथ पूजा हेगड़े की जुगलबंदी तो ठीक रही और अपनी तरफ से भाईजान के तीनों भाई लब , इश्क और मोह ने भी अच्छा काम किया है लेकिन इन तीनो के ऑपोज़िट आई पलक तिवारी, शहनाज़ गिल और मालविका शर्मा के लिए फ़िल्म में कुछ था ही नहीं बस टाइम पास के लिए उनको खड़ा कर दिया गया है शायद डायरेक्टर फरहाद संजय सितारों की महफ़िल सजना चाहते थे ।
फ़िल्म में वेंकटेश ने बेहतरीन काम किया है वेंकटेश लेकिन वेंकटेश पहले हाफ में पर्दे पर कुछ ही देर के लिए आते हैं उनका सीन मुख्यरूप से इंटरवल के बाद है फ़िल्म में और बात गौर करने की है गेस्ट के तौर पे भाग्यश्री और उनके बेटे की एंट्री बहुत भव्यता किया गया है और सबसे बड़ी बात भाईजान खुद बताते हैं कि बचपन उनका कोई नाम नहीं था कोई कुछ भी बुलाता था और कहीं न कहीं भाईजान इश्क भी भाग्यश्री से दिखाया गया है तो क्या सलमान की प्रेमिका भी सलमान को भाईजान ही बुलाती थी।
फ़िल्म को लंबी स्टार कास्ट एक्शन और भव्यता के दाम पर डायरेक्टर फरहाद सामजी ने जी तोड़ कोशिश की है लेकिन फ़िल्म औसत ही रही फ़िल्म की कहानी भी पुराने दौर की और पटकथा के साथ साथ बड़बोलेपन से भरपूर संवाद । फ़िल्म में खलनायक के लिए कुछ खास था ही नहीं क्योंकि फ़िल्म दिल्ली से हैदराबाद घूमती रही है फ़िल्म में खलनायक की मुख्य भूमिक में विजेंद्र सिंह है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं था उनका फाइट जरूर देखने को मिलता है।
फ़िल्म को इस बात का फायदा जरूर मिल सकता है कि काफी समय से सलमान खान की कोई फ़िल्म नहीं आई है और सलमान के फैंस सलमान की फ़िल्म के इंतिज़ार में थे कुछ लोगों को फ़िल्म का एक्शन भी आकर्षित करेगा ये बात भी जरूर है कि सलमान खान की फ़िल्म पारिवारिक होती है तो इसका फि फायदा फ़िल्म को मिले अगर फ़िल्म के रेटिंग की बात करें तो जैसा कि मैंने ऊपर ही कहा है कि इतने तामझाम के बाद भी फ़िल्म औसत ही रह गई फ़िल्म को 2.5/5 रेटिंग मिलनी चाहिए। (This review is featured in IMDb Critics Reviews)