Entertainment/Bhojpuri : बिहार की खूबसूरत अदाकारा पुष्पा वर्मा, जिन्होंने रामानंद सागर की ‘रामायण’ में सुलोचना का यादगार किरदार निभाया था, अब भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ की दादी का रोल निभाते नजर आएंगी। 80 के दशक में जब रामायण का प्रसारण होता था, तो पूरा देश टीवी के सामने बैठ जाता था, और गलियों में सन्नाटा पसर जाता था। रावण के बेटे इंद्रजीत मेघनाद की पत्नी सुलोचना के रूप में पुष्पा वर्मा ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई थी। अब वही पुष्पा वर्मा भोजपुरी फिल्म ‘बलमा बड़ा नादान’ में दादी का किरदार निभा रही हैं।
पुष्पा वर्मा ने हाल ही में फिल्म के सेट से लौटकर अपने बीते दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि पहले के त्योहारों में जो रौनक और उल्लास होता था, वह अब कहीं खो सा गया है। उनके अनुसार, समय के साथ फिल्मी दुनिया में भी बदलाव आ गया है। पहले जहां लोग आपस में मिलने-जुलने के लिए त्योहारों का इंतजार करते थे, वहीं अब डिजिटल युग में सब कुछ औपचारिक और निजी सा हो गया है।
अपने कैरियर के सुनहरे दिनों को याद करते हुए पुष्पा वर्मा ने फिल्म ‘कोहराम’ में अपने हिट गाने “हम हैं बनारस के भईया” का भी जिक्र किया। इस गाने में उन्होंने अमिताभ बच्चन और नाना पाटेकर के साथ काम किया था, जो आज भी दर्शकों में लोकप्रिय है। उन्होंने एक खूबसूरत याद साझा करते हुए बताया कि पहली बार वे दिवाली पर अमिताभ बच्चन के प्रतीक्षा बंगले पर हुए जश्न का हिस्सा बनी थीं, जहां उन्होंने बच्चन को तिलक लगाया था।
पुष्पा वर्मा ने अपने उस समय की चर्चा की, जब त्योहारों के मौके पर वह हैंडमेड ग्रीटिंग कार्ड्स में अपने लिखे गीतों की पंक्तियां सजाकर भेजती थीं। उनका कहना है कि पहले के दौर में रिश्तों में एक विशेष आत्मीयता होती थी, जो आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कहीं खो सी गई है। भोजपुरी सिनेमा में काम करते हुए उन्हें एक बार फिर से वह प्यार और सम्मान मिला है। मनोज तिवारी और रवि किशन जैसे भोजपुरी सिनेमा के बड़े सितारों ने उनके प्रति गहरा आदरभाव दिखाया है, जो उनके लिए गर्व की बात है।
फिल्म ‘बलमा बड़ा नादान’ में पुष्पा वर्मा ने दिनेश लाल यादव निरहुआ की दादी का किरदार निभाया है। इस भूमिका को निभाते हुए वे भावुक हो गईं और उन्होंने कहा कि यह फिल्म दादी और पोते के अनमोल रिश्ते पर आधारित है। सेट पर निरहुआ ने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वह पुष्पा वर्मा की फिल्मों को देखकर बड़े हुए हैं और आज उन्हीं के पोते के रूप में काम करना उनके लिए बड़े सम्मान की बात है। निरहुआ ने पुष्पा वर्मा की अदाकारी को भी खूब सराहा और कहा कि यह फिल्म उनके लिए एक विशेष अनुभव रही है।
पुष्पा वर्मा ने कहा कि इस फिल्म में दादी का किरदार निभाना उनके लिए एक आसान और भावनात्मक अनुभव रहा, क्योंकि अपने निजी जीवन में भी वह अपनी पोते-पोतियों के साथ दादी के रूप में समय बिताती हैं। निरहुआ की दादी बनकर उन्होंने दोनों रिश्तों में समानता का एहसास किया।
उनके लिए इस फिल्म की सराहना दिवाली और छठ के जश्न के समान है। वह कहती हैं कि अब उनकी जिंदगी की छोटी-छोटी खुशियां ही उनके त्योहार हैं, और आने वाले समय में वे इसी तरह अपनी जिंदगी को खुशहाल और जिंदादिल बनाए रखना चाहती हैं।