एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 ने बनाया रिकॉर्ड: 37387 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन
बिहार में स्थित एनटीपीसी के सभी 6 बिजली संयंत्रों का योगदान करीब 30491 मिलियन यूनिट
Patna : देश की सबसे बड़ी ऊर्जा उत्पादक कंपनी एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र-1 (NTPC Eastern) ने इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में अब तक का सबसे अधिक 37387 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन कर नया रिकॉर्ड बनाया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि में बिहार स्थित छह बिजली संयंत्रों का 30491 मिलियन यूनिट का योगदान है, जबकि फरक्का की 6896 मिलियन यूनिट हिस्सेदारी को इसमें शामिल नहीं किया गया है। एनटीपीसी के इस प्रदर्शन को ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है, जो कंपनी की उत्पादन क्षमता और बढ़ते बिजली के मांग को पूरा करने की उसकी विशेषज्ञता को दर्शाता है।
औसत प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) में वृद्धि
पूर्वी क्षेत्र-1 की इकाइयों का औसत प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) 78 प्रतिशत दर्ज किया गया है। पीएलएफ किसी संयंत्र की वास्तविक उत्पादन क्षमता की तुलना में उसके उच्चतम उत्पादन क्षमता को दर्शाता है। यह वृद्धि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.6 प्रतिशत अधिक है, जो 36854 मिलियन यूनिट से बढ़कर 37387 मिलियन यूनिट तक पहुँच गई। एनटीपीसी का यह प्रदर्शन तब आया है जब बिहार राज्य में बिजली की मांग 23 सितंबर को अपने उच्चतम स्तर 8005 मेगावाट तक पहुँच गई थी, जिसमें एनटीपीसी की इकाइयों ने 5434 मेगावाट की आपूर्ति की, जो कुल मांग का दो-तिहाई से अधिक है।
बिहार की बढ़ती बिजली मांग
बिहार में बिजली की मांग में हो रही बढ़ोतरी को राज्य की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और घरेलू उपयोग में वृद्धि का संकेत माना जा रहा है। एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, सुदीप नाग ने बताया कि बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए उनकी सभी इकाइयों ने अब तक का सर्वाधिक बिजली उत्पादन किया है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी की टीम लाभार्थी राज्यों, विशेषकर बिहार में, निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सशक्त संचालन और रखरखाव तंत्र पर काम कर रही है।
एनटीपीसी का बिहार के विद्युत क्षेत्र में योगदान
एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के प्रवक्ता, विश्वनाथ चंदन ने बताया कि एनटीपीसी की विभिन्न इकाइयाँ बिहार को कुल 6726 मेगावाट बिजली प्रदान कर रही हैं, जिसमें 300 मेगावाट सौर ऊर्जा शामिल है। इनमें से 5107 मेगावाट बिजली सिर्फ पूर्वी क्षेत्र-1 के संयंत्रों से आ रही है, जो राज्य की विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। एनटीपीसी के संयंत्रों ने न केवल बिहार बल्कि उत्तर-पूर्वी राज्यों सहित अन्य लाभार्थी राज्यों की विद्युत जरूरतों को भी पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एनएसटीपीएस) का विस्तार
बिहार में एनटीपीसी के विस्तार योजनाओं के तहत, नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एनएसटीपीएस) के स्टेज 2 के तहत 2400 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल (यूएससी) तकनीक पर आधारित तीन नई इकाइयों का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की कुल स्थापित क्षमता 4382 मेगावाट होगी, जो बिहार की बिजली जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान देगी। सुदीप नाग ने बताया कि एनएसटीपीएस के चरण 2 के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है और इसका निर्माण पूरा होने के बाद यह परियोजना बिहार में बिजली की आपूर्ति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
एनटीपीसी की राष्ट्रीय ऊर्जा आपूर्ति में भूमिका
एनटीपीसी के पास वर्तमान में 96 पावर स्टेशनों की कुल 76,422 मेगावाट से अधिक की स्थापित उत्पादन क्षमता है, जिसमें 38 नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ शामिल हैं। एनटीपीसी देश की बिजली आवश्यकताओं का एक चौथाई हिस्सा पूरा करता है, जिसमें थर्मल, हाइड्रो, सोलर और विंड ऊर्जा संयंत्र शामिल हैं। एनटीपीसी अपनी विविध ऊर्जा उत्पादन क्षमता के साथ देश में विश्वसनीय और किफायती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर रहा है।
एनटीपीसी की भविष्य की योजनाएँ
कंपनी ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को अपनाकर और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करके देश के हरित भविष्य और सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। एनटीपीसी ने यह सुनिश्चित किया है कि वह नवाचार और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर देश की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करता रहेगा। एनटीपीसी आने वाले वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बने रहने के लिए समर्पित है और देश के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।