पटना : इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 और 15 जनवरी को मनाया जाएगा। गंगा नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने व्यापक प्रशासनिक तैयारियां की हैं। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह और वरीय पुलिस अधीक्षक श्री अवकाश कुमार ने कहा है कि पर्व के दौरान उत्कृष्ट भीड़ प्रबंधन, सुदृढ़ विधि-व्यवस्था और सुगम यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए गए हैं।
29 घाटों पर तैनात होंगे 50 अधिकारी
पटना के 29 गंगा घाटों पर 50 दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी तैनात किए गए हैं। स्पेशल टीम द्वारा घाटों पर सघन पेट्रोलिंग की जाएगी। भीड़ की निगरानी के लिए वॉच टावर लगाए गए हैं। प्रशासन ने घाटों को सात सेक्टरों में बांटा है और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को गोताखोरों और आवश्यक संसाधनों के साथ तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ की एक टीम को आपात स्थिति के लिए आरक्षित रखा गया है।
नदियों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नदियों और तालाबों के घाटों पर लाइफ जैकेट, नाव, नाविक और गोताखोरों को तैनात रखें। गंगा घाटों पर स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि घाटों पर भीड़ के दौरान असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। अगर कोई शांति भंग करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नाव परिचालन पर प्रतिबंध
मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में निजी नावों के परिचालन पर रोक लगाई गई है। डीएम ने कहा कि अवैध नाव परिचालन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि ऐसी नावों में जीवन-रक्षक उपकरण नहीं होते, जिससे दुर्घटना की संभावना रहती है। प्रशासन ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी करने का निर्देश दिया है।
आपदा प्रबंधन के निर्देश
अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन को आपदा प्रबंधन एसओपी के अनुसार भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। गंगा नदी के सभी घाटों पर ड्रैगन लाइट्स की व्यवस्था की गई है। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ के जवान और गोताखोर लाइफ जैकेट और अन्य उपकरणों के साथ तैनात रहेंगे।
सुरक्षा और गश्ती दल की तैनाती
गंगा नदी पर सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें गश्त करेंगी। गश्ती दल में गोताखोर भी तैनात रहेंगे, जो किसी भी आपात स्थिति में बचाव कार्य करेंगे। डीएम और एसएसपी ने कहा कि स्पेशल टीम लगातार गश्त करती रहेगी और स्थिति पर नजर रखेगी।
विधि व्यवस्था के प्रभार
जिला स्तर पर विधि व्यवस्था की जिम्मेदारी अपर जिला दंडाधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक मध्य, पूर्वी और पश्चिमी को सौंपी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विधि व्यवस्था का प्रभार संभालेंगे। सभी अधिकारी स्थिति का सतत निरीक्षण करेंगे और रिपोर्ट करेंगे।
भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान
प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि भीड़ प्रबंधन के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। घाटों पर श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए विशेष मार्गों का निर्माण किया गया है। थानाध्यक्षों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सघन गश्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।
24×7 हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम
किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए जिला नियंत्रण कक्ष और आपातकालीन संचालन केंद्र 24×7 सक्रिय रहेंगे। कंट्रोल रूम के लिए हेल्पलाइन नंबर 0612-2219810, 2219234 और आपात सेवा नंबर 112 जारी किए गए हैं।
जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक ने सभी प्रतिनियुक्त अधिकारियों को सतर्क और सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन की पूरी कोशिश है कि मकर संक्रांति का पर्व श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुखद बनाया जाए। किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए हर स्तर पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
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