छपरा/सीवान : बिहार के छपरा और सीवान जिलों में जहरीली शराब से म’रने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार के बाद गुरुवार को भी कई बीमार लोगों की मौ’त हो गई, जिससे अब तक सीवान में 20 और छपरा में 12 लोगों की जा’न जा चुकी है। इस गंभीर स्थिति के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थिति का संज्ञान लेते हुए दोनों जिलों में हुए जहरीली शराब कांड की उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
नीतीश कुमार ने मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव को घटनास्थल पर भेजकर स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त करने और सभी पहलुओं की जांच करने का निर्देश दिया है। साथ ही, एडीजी (प्रोहिबिशन) और उनकी टीम को भी घटनास्थल पर भेजकर जांच करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य के डीजीपी को पूरे मामले की निगरानी करते रहने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
मुख्यमंत्री की आमजन से अपील
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जनता से भावुक अपील की, जिसमें उन्होंने कहा कि “शराब पीना बुरी आदत है और इससे न सिर्फ स्वास्थ्य पर असर पड़ता है बल्कि परिवार और समाज में भी अशांति का माहौल उत्पन्न होता है। राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है, और इसे सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।” उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे शराब से दूर रहें और शराब माफिया से सतर्क रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व समाज में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, और उनसे निपटने के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर काम करना होगा।
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जहरीली शराब पर राजनीति तेज, विपक्ष ने साधा निशाना
छपरा और सीवान में हुए इस जहरीली शराब कांड ने राज्य की राजनीति को भी गरमा दिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह घटना सरकार की विफलता का प्रमाण है और नीतीश कुमार की सरकार के संरक्षण में ही जहरीली शराब बिक रही है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “सत्ता संरक्षण में जहरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है। दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई है। बिहार में कथित शराबबंदी है, लेकिन सत्ताधारी नेताओं, पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है।” उन्होंने आरोप लगाया कि इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवेदना तक व्यक्त नहीं की।
विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि राज्य में शराबबंदी कानून पूरी तरह से फेल हो चुका है, और मुख्यमंत्री सिर्फ कागजों पर ही शराबबंदी का दावा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सरकार की नैतिकता और सिद्धांतहीन राजनीति का परिणाम है, जिसमें आमजन की जान की कोई कद्र नहीं है।
प्रशासन की सख्ती और विपक्ष के आरोप
घटना के बाद, प्रशासन ने इलाके में छापेमारी और जांच अभियान तेज कर दिया है। नीतीश सरकार की सख्ती और जांच के निर्देश के बाद पुलिस और मद्य निषेध विभाग की टीमें सक्रिय हो गई हैं। दोनों जिलों में शराब माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। वहीं, विपक्ष के आरोपों के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है और यह मामला अब राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गया है।
आगे की राह
इस घटना ने बिहार में शराबबंदी की वास्तविकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार सख्ती और जांच के माध्यम से स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे सरकार की विफलता के रूप में पेश कर रहा है। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई पर राज्य के लोगों की नजरें टिकी हुई हैं।