Patna : बिहार में भू-सर्वेक्षण को लेकर जमीन मालिकों के बीच काफी चिंता और अफरातफरी का माहौल है। लोगों को डर है कि उनकी जमीन के दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी न हो जाए। खासकर खतियान, जो जमीन के स्वामित्व और अधिकारों का प्रमाण होता है, उसे लेकर लोग अधिक सजग हो गए हैं। खतियान की अभिप्रमाणित प्रति प्राप्त करने में आ रही परेशानियों को देखते हुए, राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसे ऑनलाइन उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की है।
बिहार में भूमि सुधार और सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए राज्य सरकार ने रैयतों के लिए खतियान की अभिप्रमाणित प्रति को ऑनलाइन प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की है। यह कदम न केवल लोगों के समय और धन की बचत करेगा, बल्कि भ्रष्टाचार और बिचौलियों के चंगुल से बचने में भी मददगार साबित होगा। अब रैयत बिना किसी परेशानी के, घर बैठे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपना खतियान प्राप्त कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें प्रति पेज मात्र 10 रुपये का भुगतान करना होगा।
ऑनलाइन खतियान प्राप्त करने की प्रक्रिया
रैयत और उनके उत्तराधिकारी दोनों को खतियान की अभिप्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए सबसे पहले बिहार सरकार के भूमि सुधार और राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर जाते ही उन्हें “सरकारी” और “पब्लिक” के दो विकल्प मिलेंगे। चूंकि रैयतों के लिए प्रक्रिया सरल बनाई गई है, उन्हें “पब्लिक” विकल्प का चयन करना होगा। इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद रैयत को अपने मोबाइल नंबर की मदद से लॉगिन करना होगा और वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करना होगा।
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, रैयत अपनी भूमि के खतियान की प्रति ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें प्रति पेज 10 रुपये का मामूली शुल्क ऑनलाइन भुगतान करना होगा। इस प्रक्रिया के तहत रैयत न केवल अपने नाम की जमीन का खतियान प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि उनके उत्तराधिकारी भी रिविजन सर्वे और चकबंदी के खतियान को ऑनलाइन प्राप्त करने के योग्य होंगे। इससे पहले खतियान की प्रति प्राप्त करने के लिए लोगों को अधिकारियों के पास जाना पड़ता था, जिससे समय और धन की बर्बादी होती थी। अब यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध होने से यह प्रक्रिया तेज, सरल और पारदर्शी हो गई है।
सर्वे कार्य के लिए विशेष सुविधाएं
बिहार में वर्तमान में भूमि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है। इस कार्य को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए सरकार ने प्रत्येक अंचल में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी नियुक्त किए हैं। इन अधिकारियों का नाम, मोबाइल नंबर और शिविर कार्यालय की जानकारी सार्वजनिक की गई है ताकि रैयतों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे सर्वेक्षण से संबंधित कार्यों को सही तरीके से निष्पादित करें और भूमि मालिकों की समस्याओं को सुलझाएं।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा सर्वे फार्म जमा करने के बदले में रिश्वत की मांग की जाती है, तो इसकी तत्काल सूचना दी जा सकती है। इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रावधान रखा गया है। सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और भूमि मालिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
रैयतों के लिए लाभ और पारदर्शिता
यह ऑनलाइन प्रक्रिया रैयतों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। इसके माध्यम से वे घर बैठे अपने खतियान की नकल प्राप्त कर सकते हैं, जिससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ते। इससे पहले कई बार लोगों को अपने खतियान की प्रति प्राप्त करने के लिए बिचौलियों या अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती थी, लेकिन इस नई प्रणाली ने ऐसे भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगाया है।
इसके अलावा, यह व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी है। अब रैयत अपने खतियान के बारे में ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उनकी भूमि के अधिकार सुरक्षित रहेंगे। साथ ही, भूमि विवाद या कानूनी समस्याओं की संभावनाएं भी कम होंगी, क्योंकि खतियान का अभिलेख प्राप्त करने में किसी प्रकार की धांधली या गलतफहमी की गुंजाइश नहीं रह गई है।
बिहार सरकार द्वारा रैयतों को खतियान की अभिप्रमाणित प्रति ऑनलाइन उपलब्ध कराने की यह पहल जमीन मालिकों के लिए एक बड़ा राहतभरा कदम है। इससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है, बल्कि लोगों को भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिली है। अब रैयत बिना किसी परेशानी के, घर बैठे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपने खतियान की प्रति प्राप्त कर सकते हैं, और अपनी भूमि के अधिकारों को सुरक्षित कर सकते हैं। भूमि सर्वेक्षण के कार्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत से बचने के लिए सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों की तैनाती और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रावधानों ने इस प्रक्रिया को और भी सशक्त बना दिया है।