स्मार्ट मीटर : बिहार में जहां एक ओर प्रीपेड स्मार्ट मीटर के खिलाफ विपक्षी दलों का विरोध जारी है, वहीं दूसरी ओर सरकार इन मीटरों के जरिए कमाई के नए कीर्तिमान रच रही है। उत्तर बिहार बिजली वितरण कंपनी (NBPDCL) ने 16 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर के जरिए एक दिन में लगभग 11 करोड़ रुपये की कमाई की, जो अब तक की सबसे बड़ी दैनिक आय है। इससे पहले कंपनी की अक्टूबर महीने की रोजाना औसत आय 2.73 करोड़ रुपये के आसपास थी।
16 अक्टूबर का रिकॉर्ड
NBPDCL के प्रबंध निदेशक, डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे ने इस सफलता की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म *एक्स* पर साझा की। उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर को कंपनी के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों के 3,83,143 उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन माध्यम से 10.83 करोड़ रुपये का रिचार्ज किया। यह रिकॉर्ड तब बना जब स्मार्ट मीटर के खिलाफ विभिन्न विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस द्वारा हर जिले में आंदोलन चल रहा था।
इससे पहले, NBPDCL ने 18 सितंबर को 7.58 करोड़ रुपये की एक दिन की कमाई का रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन, 16 अक्टूबर को इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कंपनी ने एक बड़ा मील का पत्थर हासिल किया। इस दिन की कमाई के आंकड़े ने पिछले सभी रिकॉर्ड को पार कर दिया और उत्तर बिहार के बिजली उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर के उपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाया।
ऑनलाइन रिचार्ज की बढ़ती सहूलियत
NBPDCL के प्रबंध निदेशक डॉ. निलेश देवरे ने उत्तर बिहार के उपभोक्ताओं का धन्यवाद करते हुए कहा, “उत्तर बिहार के जागरूक उपभोक्ताओं को धन्यवाद। कल एक दिन में 3 लाख 83 हजार उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन रिचार्ज किया। पहली बार एक दिन में लगभग 11 करोड़ रुपये का राजस्व ऑनलाइन रिचार्ज के माध्यम से प्राप्त हुआ।” उन्होंने आगे कहा कि यह आंकड़ा दर्शाता है कि उपभोक्ताओं को ऑनलाइन रिचार्ज के माध्यम से काफी सहूलियत मिली है। इससे न केवल बिलिंग की समस्याओं का समाधान हुआ है बल्कि शुल्क जमा करने में भी उपभोक्ताओं को आसानी हुई है।
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NBPDCL के कार्यक्षेत्र और प्रमुख जिले
उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का कार्यक्षेत्र व्यापक है और इसमें बेगूसराय, छपरा, दरभंगा, किशनगंज, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, अररिया, पश्चिम चंपारण (बेतिया), वैशाली, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल और सीवान जैसे जिले शामिल हैं। इन जिलों में स्मार्ट मीटर की मदद से बिजली उपभोक्ताओं को प्रीपेड सुविधा का लाभ मिल रहा है, जिससे वे अपने जरूरत के हिसाब से रिचार्ज कर सकते हैं और उपयोगिता का सही प्रबंधन कर सकते हैं।
विपक्ष का विरोध और सरकार की उपलब्धि
स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने आंदोलन शुरू किया है। उनका तर्क है कि स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ा है और यह प्रणाली लोगों के लिए अनुकूल नहीं है। 16 अक्टूबर को जब NBPDCL ने कमाई का रिकॉर्ड बनाया, उसी दिन कांग्रेस ने राज्य के विभिन्न जिलों में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया।
हालांकि, सरकार का दावा है कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शिता और सुविधा मिली है। उनके अनुसार, उपभोक्ता अब अपने खपत के अनुसार रिचार्ज कर सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक खर्च का बोझ नहीं उठाना पड़ता। इसके अलावा, ऑनलाइन रिचार्ज की सुविधा से समय की बचत होती है और बिलिंग से संबंधित समस्याएं भी कम हो गई हैं।