पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। हाल ही में संपन्न हुए चार विधानसभा सीटों के उपचुनावों के बाद राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी और नारेबाजी का दौर चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी रणनीति के तहत ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा देकर जनता को साधने का प्रयास किया। इसके जवाब में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भाजपा पर तीखा पलटवार करते हुए ‘BJP से सटोगे तो कटोगे’ का नारा बुलंद किया है।
राजद का तीखा हमला
राजधानी पटना की सड़कों पर राजद द्वारा लगाए गए पोस्टरों में भाजपा पर सीधा हमला किया गया है। इन पोस्टरों में भाजपा पर अपने सहयोगियों और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया गया है। राजद प्रवक्ता और पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने इन पोस्टरों को लगवाया है। उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी सिर्फ धर्म और जाति के नाम पर राजनीति कर रही है। यही नारा अब जनता तक पहुंचाने का समय है।”
ऋषि मिश्रा ने आगे कहा कि भाजपा देशभर में ‘बंटोगे तो कटोगे’ जैसे नारों से समाज में विभाजन की राजनीति कर रही है, जो पूरी तरह अनुचित है। राजद ने इसका जवाब ‘BJP से सटोगे तो कटोगे’ जैसे तीखे नारे के साथ दिया है। यह नारा जनता को भाजपा के खिलाफ जागरूक करने और उनकी नीतियों का विरोध करने के लिए दिया गया है।
पोस्टरों से सियासी माहौल गर्माया
पटना के वीरचंद पटेल मार्ग स्थित राजद कार्यालय के बाहर भी इस नारे को प्रदर्शित करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में भाजपा को निशाने पर लेते हुए लिखा गया है, *”जुड़े के बा, जीते के बा। 2025 में नियुक्ति मैन, तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनावे के बा।”* यह नारा राजद के आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को भी दर्शाता है, जहां तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तुत किया गया है।
राजद का BJP पर आरोप
राजद ने भाजपा पर धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। राजद प्रवक्ताओं का कहना है कि भाजपा समाज में बांटने की राजनीति करती है, जो समाज और देश दोनों के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि राजद का उद्देश्य धर्म और जाति से परे जनता को जोड़ने का है, ताकि सामाजिक और आर्थिक विकास पर ध्यान दिया जा सके।
जनता तक पहुंचने की कोशिश
राजद का यह नारा और पोस्टर अभियान, भाजपा के नारों और राजनीति का मुकाबला करने का एक प्रयास है। इस नारेबाजी के जरिए राजद बिहार की जनता तक यह संदेश पहुंचाने का प्रयास कर रही है कि भाजपा के साथ जुड़ने से समाज में विभाजन और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
2025 का लक्ष्य
राजद ने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य उद्देश्य तेजस्वी यादव को 2025 में मुख्यमंत्री बनाना है। पार्टी इस बात पर जोर दे रही है कि युवाओं को रोजगार, सामाजिक न्याय और समृद्धि का वादा पूरा करने के लिए तेजस्वी यादव को समर्थन देना आवश्यक है।
बिहार में इस नारेबाजी और सियासी आरोप-प्रत्यारोप से स्पष्ट है कि आगामी चुनाव में सभी दल आक्रामक रुख अपनाएंगे। राजद और भाजपा के बीच यह सियासी जंग जनता के फैसले के साथ ही थमेगी।