समस्तीपुर: जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र के अख्तियारपुर कार्यालय पर पलायन का दंश और हमारी आजीविका विषयक संवाद, कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता गौरीशंकर चौरसिया तथा संचालन सुरेन्द्र कुमार नें किया। इस अवसर पर सुरेन्द्र कुमार नें बताया कि जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र अपनें सहयोगी संगठन प्रैक्सिस, नई दिल्ली, सी एम एस और युनिसेफ, नई दिल्ली के समर्थन से समस्तीपुर जिला के मोहनपुर प्रखण्ड के डुमरी गाँव, सरायरंजन प्रखण्ड के अहमदपुर, बलभद्पुर महिषी, खालिसपुर, भोजपुर, नरघोघी और समस्तीपुर नगर निगम के बूढ़ी गंडक नदी किनारे बीसफुटिया में बसे धर्मपुर तथा बहादुरपुर के महादलित, दलित, अति पिछड़ा और घुमंतु समुदायों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका में समानता तथा लिंग भेदभाव और बच्चों के साथ होने वाले हिंसा के रोकथाम के लिए लगाकर प्रयास कर रही है।
इस लॉकडाऊन के दौरान हासिये पर जीवन बसर करनें को विवश परिवारों का जीवन खतरों से घिर गया है। असंगठित खेतिहर मजदूर पंचायत के संयोजक रविन्द्र पासवान नें कहा कि जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र सालों से समस्तीपुर जिला के ग्रामीण और शहरी झुग्गी-झोपड़ी में रहनें वाले परिवार, हासिये पर रहने वाले वंचित समुदाय के हक अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, लैंगिक समानता, शिक्षा में समानता, आजीविका संवर्धन की दिशा में सामुदायिक और सरकारी- गैर सरकारी सहयोग से जन वकालत और जन संवाद का निरंतर प्रयास करते आ रही है। इसी कड़ी में जल श्रमिक संघ के संयोजक फुच्चीलाल साहनी नें बताया कि बदलते जलवायु के मिजाज के कारण आज मछुआरा समुदाय भोजन के लिए तरश रहा है, ऐसे में हमारा बच्चा स्कूल कैैसे जाएगा।
मोबाईल वाणी के बलराम चौरसिया और वीभा कुमारी नें कहा कि आपदा काल में समाज और सामाजिक संगठन हीं सबसे पहले मौके पर सहायता के लिए प्रतिबद्ध रहता है। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाऊण्डेशन की सहायक व्यक्ति दीप्ति कुमारी नें कहा कि विगत दिनों लाकडाउन से अपनी आजीविका खोने तथा आय के श्रोत के बंद हो जाने की वजह से प्रभावित परिवारों के बच्चे हिंसा के शिकार हो गए, निर्माण काम और घरेलु कामगार का जीवन प्रभावित हुआ है। दिनेश प्रसाद चौरसिया नें कहा कि खतरनाक काम में लगे परिवार के सामाजिक आर्थिक स्थितियों का अध्ययन करनें से प्राप्त आँकड़ों से यह सुनिश्चित हुआ है कि आनें वाले समय में जीवन जीविका के लिए संघर्ष बढ़ जाएगा। चाइल्ड लाईन सब सेंटर, पटोरी के समन्वयक कौशल कुमार एवं अंजन कुमारी नें बताया कि जवाहर ज्योति बाल विकास केन्द्र समाज मेें व्याप्त इन सामाजिक सांस्कृतिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए खुशहाल बचपन वाला समता मूलक समाज निर्माण की दिशा में सतत् आगे बढ़ना चाहता है।
इसलिए बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकना होगा और उसके लिए टॉल फ्री नं. 1098 पर कॉल करना होगा। ललिता कुमारी और किरण कुमारी कहा कि झुग्गी-झोपड़ी, खुले में और सड़कों पर रहने बच्चों को सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित करना होगा। अर्चना कुमारी नें कहा कि पलायन करने वाले परिवारों का विवरण पंचायतों संधारण करना जरुरी है। लेखापाल श्वेता कुमारी नें कहा कि किशोरियों के लिए उच्चतर माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई की व्यवस्था सरकार को पंचायत में हीं करना होगा। संस्था की कोषाध्यक्ष वीणा कुमारी नें सबको धन्यवाद दिया।