समस्तीपुर: विशेष उत्पाद न्यायाधीश संजय कुमार-2 ने शराब बरामदगी के एक मामले में सुनवाई पूरी करते हुए आरोपी गंगा राय को पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जुर्माना न भरने की स्थिति में आरोपी को छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
यह सजा समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना अंतर्गत समना गांव के वार्ड संख्या-6 के निवासी गंगा राय को सुनाई गई है। मामला 2019 का है, जब उत्पाद पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर गंगा राय के बथान (खेत) के पीछे घास-फूस में छिपाकर रखी गई 180 एमएल की 27 बोतल शराब बरामद की थी। यह छापेमारी तीन फरवरी 2019 को की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने गंगा राय को गिरफ्तार कर लिया था।
मामला और न्यायिक प्रक्रिया
शराबबंदी कानून के तहत बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर सख्त प्रतिबंध है। गंगा राय पर आरोप था कि उन्होंने अपने बथान के पीछे अवैध रूप से शराब छिपाकर रखी थी, जो पुलिस की गुप्त सूचना के बाद बरामद हुई। इसके बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई और मामला न्यायालय में पेश किया गया।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पंकज कुमार ने बहस की, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं सुनील कुमार सिंह और दीपेन्द्र कुमार ने आरोपी का पक्ष रखा। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने गंगा राय को दोषी ठहराते हुए उन्हें पांच साल की सश्रम कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
सख्त सजा का संदेश
न्यायालय का यह फैसला बिहार में शराबबंदी कानून के उल्लंघन को लेकर सख्त संदेश देने वाला है। राज्य में शराबबंदी के बावजूद, अवैध शराब की बिक्री और भंडारण की घटनाएं सामने आती रहती हैं। न्यायाधीश ने अपने फैसले में साफ किया कि शराब के अवैध व्यापार और भंडारण पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को किसी भी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी।
इस सजा से यह भी स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार द्वारा लागू शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गंगा राय को दी गई सजा उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अवैध रूप से शराब के व्यापार में संलिप्त हैं या इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल होने का विचार कर रहे हैं।