Samastipur : समस्तीपुर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छतौना गांव में बुधवार की देर रात उत्पाद विभाग (Excise department) की टीम पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा किए गए हमले की खबर ने इलाके में सनसनी फैला दी। उत्पाद एवं मध-निषेध विभाग की यह टीम गुप्त सूचना के आधार पर गांव के एक होटल में छापेमारी करने गई थी, जहां स्थिति बेकाबू हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया, जिसमें एक महिला सिपाही समेत कुल आठ पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
छापेमारी के दौरान शुरू हुआ विवाद
घटना की शुरुआत उस समय हुई, जब उत्पाद विभाग की टीम एक होटल में छापेमारी करने पहुंची थी। इस दौरान आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन होटल संचालक और पुलिस के बीच किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। धीरे-धीरे यह विवाद बढ़ते हुए मारपीट में बदल गया।
मारपीट होते देख गांव के लोग भी मौके पर इकट्ठा हो गए और उन्होंने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को घेरकर पिटाई कर दी, जिसमें कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के दौरान ग्रामीणों ने एक महिला सिपाही समेत दो जवानों को बंधक भी बना लिया।
पुलिस को बंधक बनाने की घटना
बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों में महिला सिपाही खुशबू कुमारी और अन्य जवान शामिल थे। स्थिति को देखते हुए मुफस्सिल थाना पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया। जवानों ने पहुंचकर बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को मुक्त कराया।
घायल पुलिसकर्मियों का इलाज
इस हमले में आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनका इलाज समस्तीपुर सदर अस्पताल में कराया गया। घायल जवानों में खुशबू कुमारी, जूली कुमारी, कमलेश राय, प्रशांत कुमार, उमेश कुमार राम, अरविंद कुमार राय, पंकज कुमार और रणवीर कुमार शामिल हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है, लेकिन सभी जवान अब खतरे से बाहर हैं।
तीन बदमाश गिरफ्तार
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके में छापेमारी की और तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में कानून व्यवस्था की चुनौती को उजागर किया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी दोषियों की तलाश की जा रही है और जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद पुलिस और प्रशासन में काफी रोष है। उत्पाद विभाग की टीम पर हमला होना गंभीर अपराध माना जा रहा है और पुलिस ने इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। वहीं, ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस और होटल संचालक के बीच मारपीट की शुरुआत पुलिस की ओर से हुई थी, जिसके कारण ग्रामीणों ने हस्तक्षेप किया। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।