बिहार की राजनीति में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने संगठनात्मक मजबूती के लिए बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने ‘समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी’ का गठन किया है, जिसका उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना और नीतिगत कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करना है। खास बात यह है कि इस कमिटी का अध्यक्ष समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी को बनाया गया है।
शांभवी पर चिराग का भरोसा
पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने शांभवी चौधरी पर भरोसा जताते हुए उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। शांभवी अब पार्टी के नीतिगत फैसलों और संगठनात्मक बदलावों को लागू करने में अहम भूमिका निभाएंगी। यह कदम बिहार में लोजपा (रामविलास) की राजनीतिक ताकत को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।
कमिटी के अन्य सदस्य
इस कमिटी में पार्टी के कई वरिष्ठ और युवा नेताओं को शामिल किया गया है। सदस्य सूची इस प्रकार है:
1. शांभवी चौधरी (अध्यक्ष)
2. अरविंद सिंह
3. डॉ. अभिषेक सिंह
4. पवन राज
5. कोमल सिंह
6. संजय सिंह
7. सुरेंद्र विवेक
8. अंशु प्रियंका
9. मनीष सिंह
कमिटी की जिम्मेदारियां
समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी का मुख्य उद्देश्य पार्टी की कार्यक्षमता को बेहतर करना और आगामी चुनावों के लिए संगठन को तैयार करना है। कमिटी की प्रमुख जिम्मेदारियां निम्नलिखित हैं:
1. समीक्षा रिपोर्ट लागू करना: प्रभारी टीम द्वारा तैयार की गई समीक्षा रिपोर्ट को लागू करना और सख्ती से उसका पालन सुनिश्चित करना।
2. संगठनात्मक बदलाव: प्रभारी टीम द्वारा प्रस्तावित संगठनात्मक बदलावों और नई नियुक्तियों को प्रभावी बनाना।
3. कार्यक्रमों की योजना: जिला अध्यक्षों और संभावित उम्मीदवारों के आगामी 3 महीनों के कार्यक्रमों की योजना बनाना और उन्हें समयबद्ध तरीके से लागू करवाना।
4. रैली और तैयारियां: रैलियों की तैयारी के लिए जिला अध्यक्षों और उम्मीदवारों से रिपोर्ट लेना और व्यवस्थाओं की निगरानी करना।
5. जमीनी मजबूती: जिलों में संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाना।
6. पार्टी विकास: पार्टी के विकास और संगठनात्मक मजबूती के लिए अन्य आवश्यक कदम उठाना।
शांभवी के सामने चुनौतियां और अवसर
सांसद शांभवी चौधरी के लिए यह जिम्मेदारी उनकी नेतृत्व क्षमता को साबित करने का एक अवसर है। पार्टी की जमीनी मजबूती के साथ-साथ आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
पार्टी की रणनीति और भविष्य
चिराग पासवान की अगुवाई में लोजपा (रामविलास) बिहार में अपनी खोई हुई जमीन को फिर से हासिल करने की कोशिश में है। यह नई कमिटी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और जनता से बेहतर जुड़ाव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समीक्षा कार्यान्वयन कमिटी का गठन लोजपा (रामविलास) की नीतिगत और रणनीतिक सोच का परिचायक है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कमिटी बिहार की राजनीति में पार्टी की स्थिति को कितना मजबूत कर पाती है।
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