समस्तीपुर: शिवाजीनगर प्रखंड के दसौत गांव में निजी जमीन पर सरकारी स्कूल भवन का निर्माण जारी रहने का मामला सामने आया है। यह विवाद तब और गंभीर हो गया जब भूमि स्वामी नरेश कुमार मंडल (एन मंडल) ने निर्माण पर रोक लगाने के लिए जिला योजना पदाधिकारी (डीपीओ) और कार्यपालक अभियंता रोसड़ा-2 से शिकायत की। दोनों अधिकारियों ने निर्माण कार्य पुन: रोकने का आदेश जारी किया, लेकिन ठेकेदार की मनमानी के चलते निर्माण कार्य जारी है।
भूमि स्वामी की शिकायत और प्रशासनिक आदेश
पीड़ित नरेश कुमार मंडल का कहना है कि जिस जमीन पर स्कूल निर्माण हो रहा है, वह उनके दादा और पिता के नाम पर है। उन्होंने इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से लेकर उच्च न्यायालय तक गुहार लगाई है। शिकायत के आधार पर डीपीओ और कार्यपालक अभियंता-2 ने निर्माण पर रोक के आदेश दिए हैं। डीपीओ यूआर सिंह ने स्पष्ट किया है कि निर्माण कार्य रोकने का आदेश विभागीय स्तर पर दिया गया है। फिर भी यदि निर्माण जारी रहता है, तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। पर अभी निर्माण चालू है कोई करवाई नहीं की गई हैं।
फिल्म निर्देशक एन. मंडल की आपबीती
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एन. मंडल उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के जरिए भी अपनी आपबीती साझा की और जिला प्रशासन से मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की।
एन. मंडल का दावा है कि मौजा दसौत स्थित खाता संख्या 815, खेसरा संख्या 421, रकबा 9 डिसमिल की जमीन उनकी निजी संपत्ति है। उन्होंने कहा कि जिला योजना पदाधिकारी ने पहले ही निर्माण कार्य पुन: रोकने का आदेश जारी किया था। इसके बावजूद ठेकेदार ने न केवल धमकियां दीं, बल्कि अवैध निर्माण भी जारी रखा हैं।
क्या यही न्याय हैं सर?
माननीय उच्च न्यायालय पटना का भी आवेलना हो रही हैं?
क्या जिला योजना पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता 2 रोसड़ा सिर्फ आदेश देने के लिए?
क्या कौन बंद करवाएगा सर? @DM_Samastipur@BiharPlanning @officecmbihar @NitishKumar @DilipJaiswalBJP @Bijendra_ydv pic.twitter.com/ZHzAqBSRW2— N Mandal – एन मंडल (@thenmandal) January 17, 2025
उन्होंने आरोप लगाया कि भूमि सुधार उप समाहर्ता ने उनकी मां द्वारा खरीदी गई जमीन को अवैध रूप से अपास्त किया उसके बाद भी जमीन उनके पापा दादा सब के नाम पर दर्ज कर दिया। इस निर्णय के खिलाफ एन. मंडल ने अपर समाहर्ता समस्तीपुर के समक्ष पुनरीक्षण वाद दायर किया है। इसके अलावा, उन्होंने उच्च न्यायालय में रिट याचिका भी दाखिल की है, जो फिलहाल विचाराधीन है। एन. मंडल ने न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय से इंसाफ मिलने की उम्मीद है।
न्यायालय में मामला विचाराधीन
एन मंडल ने स्पष्ट किया कि भूमि सुधार उपसमाहर्ता द्वारा उनकी माँ के नाम दाखिल-खारिज को अवैध रूप से रद्द कर दिया गया और उनकी जमीन को विक्रेता के खाता में डाल दिया गया। जो एन मंडल के दादा और पिता जी है। इसके विरोध में उन्होंने अपर समाहर्ता, समस्तीपुर के न्यायालय में वाद संख्या 88/2024-25 दायर किया है।
उच्च न्यायालय में याचिका दायर
एन मंडल ने बताया की मामले की गंभीरता को देखते हुए माननीय उच्च न्यायालय, पटना में भी याचिका (CWJC-452/2025) दायर की है। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि न्यायालय के निर्णय आने तक उनकी जमीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य या राजस्व अभिलेख में परिवर्तन न किया जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक बबलू साह कथित रूप से अवैध तरीके से दाखिल-खारिज प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
लोक शिकायत निवारण
एन. मंडल ने जानकारी दी कि लोक शिकायत निवारण प्रणाली समस्तीपुर में लाल बाबु माझी और अन्य ने शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसका परिवाद संख्या 9999901031223429485 है। इस पर आदेश दिया गया कि इस मामले का निराकरण सक्षम न्यायालय द्वारा ही किया जा सकता है।
निर्माण कार्य पर रोक के बावजूद गतिविधियां जारी
एन. मंडल ने आरोप लगाया कि जिला योजना पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि निर्माण कार्य उनकी देखरेख में नहीं हो रहा है। शिवाजीनगर अंचलाधिकारी ने भी इस निर्माण कार्य के लिए कोई एनओसी या अनुमति जारी नहीं की है। फिर भी ठेकेदार ने अवैध निर्माण कार्य जारी रखा है।
एन. मंडल का कहना है कि यह न केवल उनकी निजी संपत्ति का हनन है, बल्कि सरकारी धन का भी दुरुपयोग हो रहा है। यह मामला कानून और प्रशासनिक नियमों के उल्लंघन का गंभीर उदाहरण है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस मामले में स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। एन. मंडल ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी ठेकेदारों से मिलीभगत करके मामले को अनदेखा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने जिला योजना पदाधिकारी और अंचलाधिकारी से संपर्क किया, तो उन्हें स्पष्ट जवाब नहीं मिला कि निर्माण कार्य कैसे और क्यों जारी है।
न्याय की अपील
एन. मंडल ने सोशल मीडिया के जरिए जिला प्रशासन और बिहार पुलिस से अपील की है कि उनकी निजी संपत्ति पर हो रहे अवैध निर्माण को तत्काल रोका जाए। उनका कहना है कि यदि प्रशासन कार्रवाई करने में असफल रहता है, तो वह इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने भी इस विवाद पर अपनी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह मामला केवल निजी संपत्ति का नहीं है, बल्कि सरकारी व्यवस्था की खामियों और धन के दुरुपयोग का भी है।
यह मामला प्रशासन और न्यायपालिका दोनों के लिए एक परीक्षा है कि वे आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा किस हद तक कर सकते हैं। समस्तीपुर प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता ने इस विवाद को और अधिक जटिल बना दिया है। एन. मंडल की यह अपील न केवल उनके व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा का मामला है, बल्कि यह प्रशासनिक जवाबदेही की भी मांग करता है।
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