धर्म-कर्म

मकर संक्रांति का महत्व और कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति?

भारतवर्ष में प्रतिदिन कोई ना कोई त्यौहार अवश्य मनाया जाता है। प्रतिवर्ष जनवरी माह में मकर सक्रांति (Makar Sankranti) का उत्सव मनाया जाता है. भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. मकर संक्रांति इस बार चार महासंयोग का मिलन हो रहा है। इसे काफी शुभ माना जाता है। इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी नहीं शनिवार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनायी जाएगी। भगवान सूर्यदेव का धनु से मकर राशि में प्रवेश होगा। मकर संक्रांति  होते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति पर ब्रह्म, व्रज, बुध और अदित्य का समागम हो रहा है। इस बार मकर संक्रांति का वाहन शेर है, जो शुभफलदायक माना जा रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग तथा अश्विनी नक्षत्र का स्वामी भी मंगल है। सूर्य धनु राशि से मकर राशि में 14 जनवरी 2022 की रात्रि 8 बजकर 34 मिनट पर प्रवेश करेंगे। इसलिए उत्तम माहौल बना रहेगा। मृगशिरा नक्षत्र में होने से ‘मंदाकिनी’ संज्ञा रहेगी। यह क्षत्रियों (सैन्य बलों और सैनिकों) के लिए अनुकूल एवं शुक्रवार को होने से पशुओं को आरोग्यता प्रदान करने वाली और भारवाहकों के लिए सुख प्रदान करने वाली होगी। मकर संक्रांति का पुण्यकाल, स्नान एवं दान 15 जनवरी को है। शनिवार का दिन रहने के कारण दही-चूड़ा के साथ ही खिचड़ी का स्वाद भी लोग चखेंगे। खरमास खत्म होगा तो 18 जनवरी से शादी की शहनाइयां बजने लगेंगी।

सूर्य को ऐसे दें अर्घ्य

 

ज्योतिष के अनुसार, मकर संक्रांति पुण्यकाल में पवित्र नदियों में स्नान करके एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल लेकर उसमें रोली, अक्षत, लाल पुष्प तथा तिल और गुड़ मिलाकर पूर्वा भिमुख खड़े होकर, दोनों हाथों को ऊपर उठाकर सूर्यदेव को श्रद्धापूर्वक गायत्री मंत्र या ‘ऊं घृणि सूर्याय नम: श्री सूर्य नारायणाय अर्घ्यं समर्पयामि।’ मंत्र के साथ अर्घ्य दें।
तिल का है विशेष महत्व

 

मकर संक्रांति में तिल का विशेष महत्व होता है। इस दिन पुण्यकाल में तिल के तेल की मालिश, तिल मिश्रित जल से स्नान, तिल का हवन, तिल से तर्पण, श्वेत तिल युक्त वस्तुओं का दान एवं सेवन करने से पूर्वजन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। धर्मसिंधु के अनुसार, श्वेत तिल से देवताओं का तथा काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन भगवान शिव के मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
मकर संक्रांति पर 11 चीजों का करें दान 

1. तिल –  मकर संक्रांति पर  तिल का दान करना शुभ माना जाता है. तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.

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2 खिचड़ी-  मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना जितना शुभ है, उतना ही शुभ इसका दान करना भी माना जाता है.

3. गुड़- इस दिन गुड़ का दान करना भी शुभ होता है. गुड़ का दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.

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4. तेल- इस दिन तेल दान करना शुभ होता है. ऐसा करने से शनि देव का आर्शीवाद मिलता है.

5. अनाज- मकर संक्रांति के दिन पांच तरह के अनाज दान करने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है.

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6. घी-  इस दिन घी का दान करने से करियर में सफलता मिलती है.

7. रेवड़ी – मकर संक्रांति के दिन रेवड़ी का भी दान करना भी शुभ माना जाता है.

8. नमक –  इस दिन नमक का नया पैकेट लेकर दान करें. इससे शुक्र मजबूत होता है.

9.  कंबल – इस दिन कंबल का दान करना शुभ होता है. इससे राहु और शनि शांत होते हैं.

10. चारा –  इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना शुभ होता है.

11.  नए वस्त्र – इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को नए वस्त्र दान करने चाहिए.

Gaam Ghar News Desk

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