Kavita

  • कविता

    कविता; देवदूत डाक्टर

    परिवार नहीं देखा तुमने ! संसार नहीं देखा तुमने !! हर घर की ख़ुशियाँ बनी रहें , घर बार नहीं…

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  • कविता

    Kavita : विडंबना

    प्रकृति ने भी मचाया होगा हाहाकार कलियों का करने से पहले श्रृंगार सोच में डूबा हुआ सा चिंतन करता बारंबार…

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