Patna : बिहार की राजनीति में शनिवार को एक नया मोड़ आया जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार को 12.10 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा। नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर वेतन घोटाला करने के आरोप लगाए थे, जिसके जवाब में तेजस्वी ने यह कानूनी कदम उठाया है। नोटिस में नीरज के बयान को “आधारहीन और आपत्तिजनक” बताते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नीरज कुमार पर आरोप और नोटिस की मांगें
तेजस्वी ने लॉ फर्म एकेजे लॉ एसोसिएट्स के माध्यम से नीरज कुमार को भेजे नोटिस में 12.10 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। इसमें 10 करोड़ रुपये तेजस्वी की छवि धूमिल करने के आरोप में और 10 लाख रुपये कानूनी खर्च के लिए मांगे गए हैं। साथ ही, नीरज को सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की गई है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि नीरज कुमार 10 दिनों के भीतर हर्जाना नहीं देते और माफी नहीं मांगते, तो उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा-356 के अंतर्गत आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया जाएगा।
नीरज कुमार के आरोप
21 अक्टूबर को प्रेस वार्ता में नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे अपने विधायक वेतन में घोटाला कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी की 2015 में घोषित वार्षिक आय पांच लाख आठ हजार रुपये थी, जबकि उन्होंने एक करोड़ 13 लाख रुपये का ऋण भी दिया था। इसके बाद, 2020 में उनकी आय घटकर एक लाख 41 हजार रुपये हो गई। नीरज ने सवाल उठाया कि इतने कम आय के बावजूद तेजस्वी चार्टर प्लेन में जन्मदिन मना रहे हैं और अक्सर विदेश यात्राएं कर रहे हैं। नीरज ने इस मामले में तेजस्वी से जवाब मांगा और चुनौती दी थी कि अगर उनके आरोप गलत हैं, तो तेजस्वी उन पर मुकदमा कर दें।
तेजस्वी यादव का पक्ष
तेजस्वी यादव की ओर से भेजे गए नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि वे नियमित रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं और सरकारी पोर्टल पर अपनी आय का विवरण भी प्रस्तुत करते हैं। नोटिस में नीरज के आरोपों को तेजस्वी की “स्वच्छ छवि” को नुकसान पहुंचाने का “कुत्सित प्रयास” करार दिया गया है। इसमें दावा किया गया है कि नीरज के आरोपों के चलते तेजस्वी को मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ा है और यह बयान राजनीति से प्रेरित होकर जान-बूझकर दिया गया है।
नीरज के आरोपों पर तेजस्वी की कानूनी प्रतिक्रिया
तेजस्वी यादव ने अपने नोटिस में नीरज कुमार के आरोपों को “मिथ्या और आधारहीन” बताते हुए कहा है कि इससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि नीरज ने जान-बूझकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है, जिससे उन्हें मानसिक आघात हुआ है। अगर नीरज कुमार ने 10 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगी और हर्जाना नहीं दिया, तो उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया जाएगा।
बिहार की राजनीति में बढ़ता तनाव
इस कानूनी कदम के बाद बिहार की राजनीति में तनाव बढ़ गया है। नीरज कुमार के आरोपों और तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया ने जदयू और राजद के बीच राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। यह देखना बाकी है कि नीरज कुमार इस नोटिस का जवाब कैसे देते हैं और इसके बाद दोनों पक्षों के बीच क्या कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ती है। इस घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में चर्चा का एक नया विषय जोड़ दिया है और आने वाले दिनों में इसके और भी गहरे राजनीतिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।