Bihar Lok Sabha Election 2024 : पूर्वी बिहार के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में भागलपुर, बांका, पूर्णिया, किशनगंज, और कटिहार में 26 अप्रैल को मतदान होना है। इन इलाकों में चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे समाप्त होगा। यहां जदयू के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पांच सीटों में चार पर जदयू की भूमिका महत्वपूर्ण है, जबकि किशनगंज में कांग्रेस का पक्ष है।
पूर्वी बिहार के चुनावी मैदान में जदयू और भाजपा का संयुक्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इन सीटों पर भाजपा ने जदयू के साथ गठबंधन किया है, जिससे इनकी ताकत में वृद्धि हुई है। अब अगले मतदान में जदयू-भाजपा की साझेदारी कितनी मजबूत होती है, यह देखने को मिलेगा। इन सीटों पर एनडीए और महागठबंधन ने अपनी पूरी ताकत लगाई है। उनके शीर्ष नेताओं ने इस क्षेत्र में आकर चुनावी प्रचार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभाओं को संबोधित किया।
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चुनावी प्रचार के अंतिम दिन, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी भागलपुर में एक सभा में भाग लेंगे। यह दिखाता है कि दोनों गठबंधनों के नेताओं ने चुनावी मैदान में जितना मुमकिन हो सका, उतना प्रयास किया है। अब चुनाव की चरण बीतने के बाद, राजनीतिक गतिशीलता में और नये रुझानों में बदलाव आ सकता है। यहां परिणाम किस दिशा में जाता है, यह समय ही बताएगा।
सीमांचल और पूर्वांचल में लोकसभा चुनाव की माहौल इस बार कुछ अद्वितीय है। दोनों गठबंधनों ने आर-पार जैसी लड़ाई की योजना बनाई है। इन क्षेत्रों में शीर्ष नेताओं ने मोर्चा संभाला है और कैंपेनिंग में पूरी ताकत लगाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इन क्षेत्रों में लगातार सभाएं और रोड शो किए हैं।
एक ही क्षेत्र में शीर्ष नेताओं की बार-बार सभाएं और रोड शो यह दिखा रहे हैं कि चुनाव कितना महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण है। मुद्दों पर वार-पलटवार के अलावा, समीकरण साधने के हर दांव चले जा रहे हैं। यह चुनावी जंग मात्र राजनीतिक दलों के बीच ही नहीं, बल्कि जनता के बीच भी एक नई उत्साह और उत्तेजना भरा माहौल बना रहा है।
इस सीमांचल और पूर्वांचल क्षेत्र में चुनावी महाबलियों के बीच रोमांचक और उत्साहजनक मुकाबला देखने को मिलेगा। इस चुनाव में जनता का निर्णय ही देश के राजनीतिक मानचित्र को स्थायी रूप से बदल सकता है।
सीमांचल की सीटों पर एनडीए की जीत के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी है। पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ ही प्रदेश स्तरीय नेता भी लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 16 अप्रैल को पूर्णिया में सभा की थी। अब पीएम का चुनावी दौरा 26 को अररिया और मुंगेर में होना है। गृह मंत्री अमित शाह कटिहार में सभा कर चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दो दिन बिहार आ चुके हैं। उनकी सभी सभाएं सहयोगी दलों के लिए ही हुई हैं। 23 को भागलपुर में उनकी सभा हुईं। सम्राट चौधरी की भी आधा दर्जन सभाएं सीमांचल में हुई हैं।
सीएम मधेपुरा में चार दिन कैंप कर दूसरे चरण की सीटों पर प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने ताबड़तोड़ सभाओं के साथ-साथ रोड शो भी किये। दूसरे चरण के प्रचार की शुरुआत मुख्यमंत्री ने 19 अप्रैल से की। मंगलवार तक उन्होंने कुल 11 जनसभाओं को संबोधित किया। पांच दिनों में वह तीन बार भागलपुर गए।
राहुल गांधी-खड़गे भी पहुंचे इन लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए। 20 अप्रैल को राहुल गांधी ने भागलपुर में सभा हुई। 19 अप्रैल को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कटिहार और किशनगंज में सभाएं कीं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की सबसे अधिक सभाएं दूसरे चरण की सीटों पर हुईं। किशनगंज में उनकी कोई सभा नहीं हुई, लेकिन अन्य चार सीटों पर उन्होंने डेढ़ दर्जन से अधिक जनसभाएं की। पूर्णिया में वे दो दिनों से कैंप कर प्रचार कर रहे हैं।
पूर्णिया और किशनगंज में लड़ाई त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की जा रही है। पूर्णिया में निर्दलीय पप्पू यादव और किशनगंज में ओवैसी के प्रत्याशी अख्तरुल ईमान पूरे दम-खम के साथ मैदान में हैं। यहां असदुद्दीन ओवैसी की अब तक सात सभाएं हो चुकी हैं। इन दो के अलावा अन्य तीन सीटों पर एनडीए व इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों में सीधा मुकाबला है।लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका में होना है। इन लोकसभा क्षेत्रों में 1 लाख 37 हजार 733 मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे। निर्वाचन विभाग के मुताबिक, दूसरे चरण में मतदाताओं की संख्या 93 लाख 96 हजार 298 है। इन्हें अपने मतों का प्रयोग करने के लिए 9 हजार 322 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें शहरी क्षेत्र में 1 हजार 259 और ग्रामीण क्षेत्र में 8 हजार 063 मतदान केंद्र हैं।