समस्तीपुर / रोसड़ा : अपर जिला और सत्र न्यायाधीश द्वितीय उमेश कुमार की अदालत ने सिंघिया थाना क्षेत्र के एक हत्या मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद आरोपी को रिहा कर दिया। कोर्ट ने आरोपी मधुबनी जिले के फुलपरास निवासी लालटुन पासवान के पुत्र दुर्गेश पासवान को संदेह का लाभ देते हुए रिहा किया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से एपीपी रामकुमार व बचाव पक्ष से अधिवक्ता सतीकांत सहनी एवं दीपक शर्मा ने पक्ष रखा। इस मामले में, न्यायिक प्रक्रिया के दौरान, सभी पक्षों ने अपने तर्कों को सजगता से प्रस्तुत किया।
आरोपी के निर्णय से पहले, अदालत ने समय समय पर तथ्यों की जाँच की और सम्बंधित सभी प्रमाणों को गहराई से विचार किया। इस प्रक्रिया में, न्यायाधीश और वकीलों ने न्यायिक तर्कों के माध्यम से कानूनी निष्कर्ष निकाला। आखिरकार, आरोपी के लाभांश के आधार पर, उसे निर्दोष ठहराया गया। यह निर्णय न्यायिक प्रक्रिया के उच्चतम मानकों का पालन करता है, जिससे न्याय की पूरी और सही सुनिश्चित होती है।
अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि अभियोजन पक्ष से कुल 10 गवाहों की गवाही हुई थी। घटना के बाद से ही आरोपी न्यायिक हिरासत में था। सिंघिया निवासी सुमित कुमार सिंह ने सिंघिया थाना में कांड संख्या 216/22 दर्ज कराया था। उन्होंने दावा किया कि उनके पिता हीरा प्रसाद सिंह को घर से बुलाकर धारदार हथियार से गला काट कर हत्या कर देने की बात कही थी।
उक्त आरोपी को आरोपित किया गया था। अधिवक्ता दीपक शर्मा ने आरोपी के खिलाफ सख्त सबूत प्रस्तुत किया और केस को न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से गहराई से जांचा। उन्होंने आरोपी के पक्ष से पेश किए गए सभी तर्कों को खंडन किया और उनके साथ खिलाफ तर्क प्रस्तुत किए। न्यायिक प्रक्रिया के अंत में, अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया और उसे सजा सुनाई। इस प्रकार, न्याय के तत्वों के पालन किए गए और अधिकारिक तौर पर न्याय की पूरी हुई।