Bollywood Movie Reviews The Signature : IMDB Critic Review Cast - Mahima Chaudhry, Herman Dsouza, Anupam Kher, Sneha Paul, Neena Kulkarni, Annu Kapoor Director - Gajendra Vitthal Ahire Runtime 110 minutes RATING 3.5/5 GAAM GHAR News
Entertainment / Bollywood Movie The Signature Reviews : अनुपम खेर Anupam Kher की फिल्म द सिग्नेचर (The Signature Review) ओ टी टी जी 5 पर रिलीज हो चुकी है । फिल्म के लेखक और निर्देशक गजेंद्र अहिरे हैं, फिल्म के मुख्य कलाकार अनुपम खेर, अन्नू कपूर, महिमा चौधरी, मोहन जोशी, स्नेहा पॉल, केविन गांधी, रणवीर शौरी और नीता कुलकर्णी हैं ।
फिल्म की कहानी एक ऐसे दंपती की है जो सारी जिंदगी अपने बच्चों का भविष्य सुधारने में लगा देते हैं और अंत में जब रिटायर्ड होते हैं । तो थोड़ा समय खुद के लिए जीना चाहते हैं और इस लिहाज से अनुपम खेर अपनी पत्नी के साथ यूरोप घूमने की सोचते हैं, लेकिन जब अनुपम खेर अपनी पत्नी के साथ एयरपोर्ट पहुंचते हैं तो अचानक उनकी पत्नी को तबियत बहुत खराब हो जाती है और उनको हॉस्पिटल में एडमिट कराया जाता है ।
फिल्म मानवीय संवेदनाओं को झकझोरने वाली है जिसमे दिखाया गया है कि एक रिटायर्ड वायक्ति कहीं अपने बच्चे, अपने घर अपने समाज पर बोझ तो नहीं ? अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए अनुपम खेर अपनी पूरी जिंदगी की कमाई पूंजी से बचाए एक-एक रुपए झोंक देते हैं लेकिन उनकी पत्नी ठीक नहीं होती है क्योंकि इनको ब्रेन हेमरेज हुआ है । अनुपन खेर अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए एड़ी-चोटी का दम लगा देते हैं लेकिन कहीं से कोई ज्यादा मदद नहीं मिलता है ।
जब अनुपम अपने बेटे से मां के इलाज के लिए पैसे मांगते हैं तो वो भी अपना हाथ खड़ा कर लेता है । इसके बाद अनुपम इलाज के लिए अपनी साझी संपत्ति बेचने की बात करते हैं तो उन्हें वो भी बेचने नहीं दिया जाता । इधर इलाज के लिए पैसे काम पड़ते हैं तो डॉक्टर्स का दवाब बढ़ता है और डॉक्टर अनुपम खेर को डी एन आर पर सिग्नेचर करने को बोलते हैं । अनुपम खेर ये सुनकर अंडर से टूट जाते हैं । फिल्म की कहानी बहुत मार्मिक है और इतनी खूबसूरती के साथ अनुपम खेर ने अपने किरदार को निभाया भी है ।
फिल्म में प्राइवेट हॉस्पिटल में हो रहे धांधली को भी खूबसूरती से दिखाया गया हैं और आज के युवा पीढ़ी को भी जो अपने बूढ़े हो चले मां- बाप को बोझ समझते हैं । फिल्म में कोई एक्शन नहीं है न हीं कोई ऐसा संवाद जो जुबान पे चढ़ जाए लेकिन फिल्म की कहानी इतनी मार्मिक है कि आपके आंखों से आंसू छलक पड़ेंगे । द सिग्नेचर हमारे समाज के लिए एक सवाल भी खड़ा करती है कि क्या जो मां-बाप अपने बच्चों की जिंदगी संवारने में अपनी सारी जिंदगी बिता देते हैं उनके उन्हीं बच्चों के द्वारा ऐसा करना कहां तक उचित है ? क्या हमारा समाज और आज के युवा सही दिशा में जा रहे हैं अथवा गलत दिशा में ? और अगर गलत दिशा में जा रहे हैं तो क्यों ? आखिर हमारी संस्कृति में क्या कमी आ गई कहां कौन सी चूक हुई जो ऐसा हो रहा है ?
फिल्म में अनुपम खेर ने एक बार फिर अपने अभिनय से साबित कर दिया कि अनुपम खेर दुनियां के चंद चुने हुए श्रेष्ठ कलाकारों में से एक हैं । अनुपम खेर अपने किरदार में जै से डूब गए हैं, बाकी कलाकारों के लिए कुछ खास तो है नहीं लेकिन अन्नू कपूर ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाया है । महिमा चौधरी को परदे पर बहुत कम समय मिला है लेकिन महिमा ने अपने किरदार को जीवंत कर दिया है इसके बाद मोहन जोशी, रणवीर शौरी, नीता कुलकर्णी सबने बहुत बेहतरीन काम किया है ।
फिल्म शुरुआत में थोड़ी धीमी जरूर है लेकिन जब रफ्तार पकड़ती है तो अपने लय में बहती चली जाती है । फिल्म में एक साथ कई मुद्दों को दिखाने की कोशिश की गई है और इसमें भी गजेंद्र अहिरे काफी हद तक सफल रहे हैं फिल्म का निर्देशन काफी बढ़िया है और सेनेमेटोग्राफी भी शानदार है । फिल्म संगीत फिल्म के लिहाज से अच्छा है फिल्म के गाने भी कार्नप्रिय हैं । फिल्म के रेटिंग की बात करें तो फिल्म को 3.5 स्टार मिलना चाहिए । (This review is featured in IMDb Critics Reviews)