जमुईपटनाबिहारसमाचार

जमुई में फर्जी आईपीएस की कहानी निकली झूठी, मिथिलेश मांझी की खुली पोल

Patna : बिहार के जमुई जिले में खुद को आईपीएस अधिकारी बताने वाले मिथिलेश मांझी की पूरी कहानी झूठी निकली। दो लाख रुपये देकर आईपीएस बनने की उसकी कहानी फर्जी साबित हुई है। पुलिस की जांच में उसके द्वारा दी गई सारी जानकारी निराधार पाई गई, जिससे यह साफ हो गया कि मिथिलेश ने खुद ही पूरी योजना बनाई थी ताकि वह असली पुलिस अधिकारियों को गुमराह कर सके।

फर्जी वर्दी और रिवाल्वर के साथ पकड़ा गया
मिथिलेश मांझी, जो जमुई के गोवर्धनबीघा गांव का रहने वाला है, 20 सितंबर को सिकंदरा-जमुई रोड के पास बंधन बैंक के समीप आईपीएस की वर्दी पहने घूमता मिला। उसकी वर्दी और होलिस्टर में रिवाल्वर देख स्थानीय पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। जांच में उसकी रिवाल्वर नकली निकली, और पूछताछ के दौरान उसने बताया कि खैरा के मनोज सिंह नामक शख्स ने उसे 2.30 लाख रुपये में आईपीएस की वर्दी दिलाने का वादा किया था। मिथिलेश का दावा था कि उसने अपने मामा से दो लाख रुपये लेकर मनोज को दिए थे।

जांच में खुली पोल
मिथिलेश मांझी को भोला-भाला मानते हुए पुलिस ने उसे थाने से रिहा कर दिया था। लेकिन जब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और बिहार की बदनामी होने लगी, तब पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की। मिथिलेश के दिए गए सारे दावे झूठे निकले। उसने मनोज सिंह द्वारा आईपीएस की वर्दी दिलाने की पूरी कहानी गढ़ी थी, जो पूरी तरह फर्जी थी।

यह भी पढ़ें  PM Modi: ''बाल दाढ़ी'' ना छिलाने वाले बयान से फंसे लालू

मिथिलेश द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी में बताया गया था कि उसने अपने मामा से दो लाख रुपये लेकर मनोज को दिए थे। लेकिन उसके मामा ने इस बात से साफ इनकार कर दिया। मामा ने कहा कि उन्होंने मिथिलेश को सिर्फ उसके मां के इलाज और घर बनाने के लिए कुछ पैसे दिए थे, पर नौकरी के नाम पर कभी कोई रकम नहीं दी।

यह भी पढ़ें  दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली दुबे के साथ केक काटकर रवि यादव ने मनाया जन्मदिन

मनोज सिंह की पहचान में भी फेल हुआ मिथिलेश
जांच के दौरान मिथिलेश ने मनोज सिंह का जो मोबाइल नंबर दिया था, वह कई महीनों से बंद पाया गया। पुलिस ने इलाके में कई मनोज सिंह नामक व्यक्तियों को थाने बुलाकर मिथिलेश से पहचान करवाई, लेकिन वह किसी को पहचान नहीं पाया। इसके अलावा, पुलिस ने मिथिलेश के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की, जिससे पता चला कि 20 सितंबर की सुबह वह लखीसराय में था और वहीं उसने एक दुकान से जूते खरीदे थे। जबकि उसने पुलिस को बताया था कि उसी सुबह खैरा के एक स्कूल में उसे मनोज सिंह ने वर्दी दी थी।

यह भी पढ़ें  4 अप्रैल को होने वाले एमएलसी चुनाव की तैयारी पुरी,मतदान कल मतगणना 7 अप्रैल को

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फर्जी आईपीएस
थाने से रिहा होने के बाद मिथिलेश मांझी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। उसकी फर्जी आईपीएस बनने की कहानी ने उसे चर्चा में ला दिया, और अब यूट्यूब पर उसके नाम से भोजपुरी और मगही गाने बनाए जा रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम से पुलिस और बिहार की छवि को लेकर सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ाया जा रहा है।

पुलिस की जांच अभी भी जारी
थानाध्यक्ष मिंटु कुमार सिंह के अनुसार, मिथिलेश मांझी द्वारा दी गई सारी जानकारी फर्जी साबित हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और सत्यापन के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

Gaam Ghar Desk

गाम घर डेस्क के साथ भारत और दुनिया भर से नवीनतम ब्रेकिंग न्यूज़ और विकास पर नज़र रखें। राजनीति, एंटरटेनमेंट और नीतियों से लेकर अर्थव्यवस्था और पर्यावरण तक, स्थानीय मुद्दों से लेकर राष्ट्रीय घटनाओं और वैश्विक मामलों तक, हमने आपको कवर किया है। Follow the latest breaking news and developments from India and around the world with 'Gaam Ghar' news desk. From politics , entertainment and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button