पटना शेल्टर होम में फूड प्वाइजनिंग से दो लड़कियों की मौ’त, जांच जारी
पटना शेल्टर होम में फूड प्वाइजनिंग से दो लड़कियों की मौत, 9 की हालत गंभीर, जांच के आदेश
Patna : बिहार की राजधानी पटना के शास्त्री नगर इलाके में स्थित आसरा गृह में खिचड़ी खाने से हुई फूड प्वाइजनिंग ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। इस घटना में अब तक दो लड़कियों की मौ’त हो चुकी है, जबकि नौ अन्य गंभीर हालत में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती हैं। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है, और मामले की जांच के लिए पटना के जिलाधिकारी (डीएम) डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने एडीएम के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित कर दी है।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, पहली मौ’त 7 नवंबर को हुई थी, जबकि दूसरी लड़की ने 10 नवंबर को दम तोड़ा। 7 नवंबर की सुबह शेल्टर होम की लड़कियों को खिचड़ी परोसी गई थी। खिचड़ी खाने के कुछ देर बाद लड़कियों को उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायतें शुरू हो गईं। लड़कियों को प्राथमिक उपचार वहीं शेल्टर होम में दिया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई, जिसके बाद 9 लड़कियों को गंभीर हालत में पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। अस्पताल में भर्ती लड़कियां डायरिया और उल्टी से परेशान हैं और बार-बार बेहोश हो रही हैं।
प्रशासन की कार्रवाई और जाँच
घटना की जानकारी मिलते ही पटना डीएम ने एडीएम के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया है। जिलाधिकारी ने बताया कि फिलहाल प्राथमिक तौर पर ऐसा लगता है कि शेल्टर होम में भोजन की गुणवत्ता की निगरानी करने वाली एजेंसी की लापरवाही इस घटना की वजह हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाज कल्याण मंत्री की प्रतिक्रिया
बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने भी इस घटना को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि छठ पूजा की शाम फूड प्वाइजनिंग के बाद एक लड़की की मौ’त हो गई थी, और दस लड़कियों को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। मंत्री ने कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने राज्य में शेल्टर होम्स की निगरानी और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आगे की प्रक्रिया
पटना डीएम द्वारा गठित जांच कमेटी जल्द से जल्द इस मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास करेगी। पीएमसीएच में भर्ती लड़कियों की हालत पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और उन्हें बेहतर उपचार मुहैया कराने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।