गांव का डॉक्टर: 31 हजार ग्रामीणों का मुफ्त इलाज, 205 शिविरों का आयोजन
पटना: स्वास्थ्य सेवा के व्यवसायीकरण के इस दौर में डॉ. रमण किशोर ”Dr Raman kishor” ने समाजसेवा और मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की है। एम्स पटना से एमडी की पढ़ाई कर सरकारी डॉक्टर के रूप में कार्यरत डॉ. रमण पिछले पांच वर्षों में बिहार के विभिन्न जिलों में 205 निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर चुके हैं। इन शिविरों में उन्होंने 31,000 से अधिक जरूरतमंद मरीजों का मुफ्त इलाज किया और दवाएं वितरित कीं।
205वां स्वास्थ्य शिविर: सकरा, मुजफ्फरपुर में आयोजन
डॉ. रमण का 205वां निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर रविवार को मुजफ्फरपुर जिले के सकरा में आयोजित हुआ। इस शिविर में लगभग 250 मरीजों का ब्लड प्रेशर, शुगर, हीमोग्लोबिन, कान और आंखों की जांच की गई। मरीजों को उनकी बीमारी की जानकारी देने के साथ-साथ मुफ्त दवाएं और उचित परामर्श भी उपलब्ध कराया गया। डॉ. रमण ने कहा कि ऐसे शिविरों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है, जहां आमतौर पर चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी होती है।
स्वास्थ्य सेवा के व्यवसायीकरण में मानवता की मिसाल
डॉ. रमण का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य गंभीर बीमारियों को शुरुआती अवस्था में पहचानकर समय पर इलाज शुरू करना है। विशेष रूप से डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के मरीजों को नियमित जांच और दवा सेवन के प्रति जागरूक करना उनका प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने कहा, “अगर इन बीमारियों को समय पर नियंत्रण में रखा जाए तो यह जानलेवा साबित नहीं होंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।”
सैलरी का 70-80% स्वास्थ्य सेवा पर खर्च
अपनी सैलरी का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सेवा में खर्च करने वाले डॉ. रमण का समर्पण सराहनीय है। उन्होंने बताया कि वह अपनी मासिक आय का 70-80% हिस्सा इन शिविरों के आयोजन और मरीजों की सहायता पर खर्च करते हैं। उनका मानना है कि स्वास्थ्य सेवा को सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम होना चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुधार की दिशा में प्रयास
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को पूरा करने के लिए डॉ. रमण ने यह अभियान शुरू किया। उनके शिविरों में बीमारियों की जांच, मुफ्त दवा वितरण और सही परामर्श जैसी सेवाएं शामिल हैं। इन शिविरों में ब्लड प्रेशर, शुगर, हीमोग्लोबिन जैसी सामान्य जांचों के साथ-साथ गंभीर बीमारियों के लक्षणों का पता लगाने पर जोर दिया जाता है।
डॉ. रमण किशोर: समाजसेवा का प्रेरणास्त्रोत
डॉ. रमण के प्रयासों ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। उनके शिविरों में आने वाले मरीजों को न केवल मुफ्त इलाज मिलता है, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता भी दी जाती है। इससे ग्रामीणों में बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ी है और समय पर इलाज शुरू करने की प्रवृत्ति भी विकसित हुई है।
सामाजिक बदलाव का हिस्सा
डॉ. रमण का मानना है कि स्वास्थ्य सेवा हर व्यक्ति का अधिकार है। उन्होंने कहा, “मैं एक डॉक्टर के रूप में यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरी शिक्षा और अनुभव का लाभ समाज के हर वर्ग, विशेषकर वंचित और ग्रामीण लोगों तक पहुंचे।”
भविष्य की योजनाएं
डॉ. रमण ने बताया कि वह आने वाले समय में और अधिक शिविर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। उनका उद्देश्य बिहार के अधिक से अधिक ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना है।
डॉ. रमण किशोर का यह समर्पण और प्रयास न केवल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नई मिसाल है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत भी है। उनके द्वारा आयोजित 205 निःशुल्क शिविर यह साबित करते हैं कि जब समाज सेवा को प्राथमिकता दी जाती है, तो न केवल बीमारियों का इलाज होता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी आते हैं।