मिथिला राज्य निर्माण संघर्ष समिति के स्थापना दिवस पर बेबिनार आयोजित किया गया।
मिथिला राज्य संघर्ष समिति स्थापना दिवस १००वें गुगल मीट द्वारा मनाया गया। इसके संस्थापक डा धनाकर ठाकुर ने बताया कि 20.11.1994को प्रयागराज में उन्होंने डॉक्टर जयकांत मिश्र से भेंट की थी और कहा था कि जब तक मिथिला राज्य निर्माण नहीं होगा मैथिली बिहार में समस्याग्रस्त रहेगी। डॉक्टर मिश्र सहमत हुए फिर दोनों ने सहरसा,सुपौल, अररिया, पूर्णिया, भागलपुर जिलों की यात्रा की। सब जगहों पर मिथिला राज्य निर्माण के लिए बैठकें हुई।
पटना चेतना समिति में जनवरी के दूसरे रविवार को मीटिंग में सभी जगह से प्रतिनिधि बुलाए गए । चेतना समिति के एक सदस्य के अनावश्यक हस्तक्षेप के चलते कार्यकारिणी घोषित नहीं हो सकी।साल भर बाद मधुबनी में आयोजित दूसरे अन्तरराष्ट्रिय मैथिली सम्मेलन में 8.1.1996 मिथिला राज्य संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर जयकांत मिश्र और महासचिव मनोज कुमार, रहुआ-संग्राम के नाम की घोषणा अन्तरराष्ट्रिय मैथिली परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर धनाकर ठाकुर ने की।
डा जयकांत मिश्र मृत्यु के कुछ दिन पूर्व तक सक्रिय रहे।
फिर चुनचुन मिश्र, सत्यनारायण महतो, नगीना प्रसाद महतो अध्यक्ष रहे। वर्तमान में मधेपुरा कालेज के प्राचार्य डॉक्टरअशोक कुमार यादव इसके अध्यक्ष और मधुबनी के एडवोकेट प्रमोद कुमार झा इसके महासचिव हैं। समिति पटना, दिल्ली में अनेक धरना दे छूटी है और केन्द्र सरकार को ज्ञापन सौंपा है। कोरोना के बाद संघर्ष तीव्र किया जाएगा।
बेटा में डा रतन कुमारी, घोघरडीहा, उमाकांत झा, जयपुर, भगवानजी झा, जमशेदपुर, राजीव कुमार कर्ण, दरभंगा और प्रो पीके झा ‘प्रेम’ दलसिंगसराय ने विचार रखे। विधुकांत मिश्र, प्रयागराज ने संचालन किया।