दरभंगा: महिला क्लब, दरभंगा द्वारा मिथिलांचल के पारंपरिक लोक नृत्य ‘झिझिया’ और डांडिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक भव्य डांडिया नाइट का आयोजन किया गया। यह आयोजन डॉक्टर पुष्पा झा के अल्लपट्टी स्थित परिसर में हुआ, जहां पारंपरिक संगीत, नृत्य और संस्कृति का जश्न मनाया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन क्लब की वरिष्ठ सदस्याएं द्रौपदी सिंह, रंजना जायसवाल, डॉ. प्रतिभा गुप्ता, क्लब की अध्यक्षा डॉ. पुष्पा झा, सचिव राजकुमारी मारीवाला और कोषाध्यक्ष डॉ. आभा सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मिथिला की संस्कृति को जीवंत बनाए रखने पर जोर
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए क्लब की अध्यक्षा डॉ. पुष्पा झा ने कहा, “झिझिया मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर है, जो इस क्षेत्र की अनूठी पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पारंपरिक नृत्य हमारी सांस्कृतिक जड़ों को दर्शाता है और इसे संरक्षित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।”
डॉ. झा ने आगे बताया कि डांडिया नाइट जैसे कार्यक्रम केवल मनोरंजन नहीं हैं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने के माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के दौरान मनाया जाने वाला डांडिया महोत्सव महिलाओं के लिए खासतौर पर एक ऐसा अवसर होता है, जब वे अपने परिधान, आभूषण और नृत्य के जरिए अपनी खुशियों और उत्साह को प्रकट करती हैं।
झिझिया नृत्य की महत्ता पर प्रकाश
महिला क्लब की सचिव राजकुमारी मारीवाला ने झिझिया नृत्य के सांस्कृतिक महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह नृत्य मिथिला की महिलाओं के आत्मविश्वास, सुंदरता और उनकी आंतरिक शक्ति को दर्शाता है। झिझिया के माध्यम से महिलाएं अपनी खुशियों और जीवन में सकारात्मकता का उत्सव मनाती हैं। उन्होंने बताया कि डांडिया महोत्सव में लोग रंग-बिरंगे परिधानों में डांडिया के डंडों के साथ नृत्य करते हुए आपसी खुशियों को साझा करते हैं।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ
कार्यक्रम की शुरुआत नेहा बोहरा द्वारा गणेश वंदना के साथ हुई, जिसके बाद मिथिला के पारंपरिक लोक नृत्य झिझिया का प्रदर्शन किया गया। दर्शकों ने झिझिया के इस मनमोहक प्रदर्शन की खूब सराहना की। इसके बाद नन्हीं बच्चियों – त्वीशा वाधवानी, आश्वी सुरेका, सनाया पाहुजा, वान्या बरोलिया और आरिका सुरेका ने डांडिया खेलते हुए सभी का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम के दौरान गैलेक्सी रीत डांस ग्रुप की संचालिका ऋतु के निर्देशन में एक खास डांडिया प्रस्तुति भी हुई, जिसमें महिला क्लब की सदस्याओं के साथ उपस्थित दर्शकों ने पूरी रात नृत्य का आनंद लिया। इस डांडिया नाइट ने सभी को एक सांस्कृतिक उत्सव में डूबने का मौका दिया, जहां पारंपरिक संगीत और नृत्य के माध्यम से लोग आपस में मिलकर अपनी खुशियों को साझा कर रहे थे।
आयोजन की सफलता में कई महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका
इस कार्यक्रम की सफलता में महिला क्लब की कई प्रमुख सदस्याओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें रेखा पाहुजा, डॉ. अलका द्विवेदी, डॉ. नूतन राय, डॉ. मालती भगत, डॉ. लता खेतान, डॉ. सुजाता राय, डॉ. सावित्री ओझा, मीरा सुमन, आशा गुप्ता, निधि झा, आशा श्रीवास्तव, विमला बोस, अन्नु लोहिया, इरा गामी, अरूणा गामी, नीति अग्रवाल, रंजना जायसवाल, रश्मि वर्मा, अनीता सिंह, सन्ध्या चौधरी, मंजू चौधरी, सुधा सर्राफ, सुशीला गिरी, सुनंदा बोस समेत शहर की कई गणमान्य हस्तियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सांस्कृतिक विरासत का उत्सव
यह आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम था, बल्कि मिथिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित करने का एक प्रयास भी था। महिला क्लब, दरभंगा की इस पहल ने न केवल मिथिलांचल के लोक नृत्य को जीवंत रखा बल्कि डांडिया महोत्सव के जरिए सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश भी दिया।